लखनऊ। अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर प्रदेश की राजधानी में सुरक्षा के चाक चौबंद उपाय किये गए हैं और शैक्षणिक संस्थान तथा ज्यादातर दुकानें बंद होने के कारण सड़कें खाली पड़ी हैं ।
वैसे इसका कारण माह का दूसरा शनिवार भी है जिस कारण अधिकतर सरकारी कार्यालय बंद है ।
सुबह से ही राजधानी की सड़को और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बल गश्त लगा रहे है । सड़को पर वाहनों का आवागमन भी कम ही है । राजधानी के केंद्र में स्थित हजरतगंज की अधिकतर दुकाने फिलहाल बंद है हालांकि चाय की दुकानों पर लोग अयोध्या के फैसले पर चर्चा करते नजर आये ।
हजरतगंज के लालबाग में चाय की दुकान चलाने वाले विनोद ने कहा ,‘’हम शांति चाहते है, मैं अपनी दुकान खोलना चाहता हूं और अपनी रोजी रोटी कमाना चाहता हूं । उम्मीद है कि फैसले के बाद सब कुछ सामान्य होगा ।’ उन्होंने कहा ,‘‘ ‘अगर सब कुछ ठीक रहा और लोग आयेंगे तो मैं अपनी चाय की दुकान खोलने को तैयार हूं । मैं दूध और अन्य सामान ले आया हूं और अपना काम करने के लिये पूरी तरह से तैयार हूं ।’
इसी तरह पर साईकिल पर सब्जी बेचने वाले अकरम ने कहा ,‘‘कही कोई तनाव नही है, जो भी फैसला आयेगा उसका स्वागत करेंगे ।’ शहर के पुराने मुस्लिम बहुल इलाकों चौक, चौपटियां, ठाकुर गंज, मौलवी गंज, सआदतगंज आदि में कल देर रात तक लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदते दिखे ।
प्रदेश के सभी स्कूल कालेज, शैक्षणिक संस्थान और प्रशिक्षण केंद्र शनिवार से सोमवार तक प्रदेश सरकार ने बंद करने की घोषणा कल रात को ही कर दी थी । मंगलवार को गुरूनानक जयंती के कारण स्कूल बंद रहेंगे ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चतम न्यायालय द्वारा अयोध्या मामले में फैसले के मद्देनजर प्रदेशवासियों से कल रात अपील की थी कि आने वाले फैसले को जीत-हार के साथ जोड़कर न देखा जाए। उन्होंने कहा था कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में शान्तिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण को हर हाल में बनाए रखें और अफवाहों पर कतई ध्यान न दें।