केजरीवाल सरकार की ODD-EVEN पालिसी के खिलाफ गुरुग्राम की अदालत में याचिका स्वीकार

Font Size

दिल्ली व केंद्र सरकार को नोटिस जारी

याचिका कर्ता अधिवक्ता मुकेश कुलथिया का आरोप : “प्रदूषण तो बहाना है, ODD-EVEN का असली मकसद तो जनता की वैध कारों को अवैध तरीकों से बंद कर, नए वाहनों के निर्माण एवं बिक्री को बढ़ाना है ।”

गुरुग्राम। प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर लागू की गई दिल्ली सरकार की ODD-EVEN के खिलाफ दिल्ली में दायर तमाम याचिकाएं निरस्त हो गईं लेकिन इस पालिसी को गैरकानूनी करार देने वाली गुरुग्राम में दायर एक याचिका पर 06 नवम्बर को गुरुग्राम एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज की कोर्ट ने परिवहन सचिव, दिल्ली सरकार , सचिव केंद्रीय परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार एवं एडवोकेट जनरल दिल्ली सरकार को आगामी 11 नवम्बर को गुरुग्राम न्यायालय में पेश हो कर अपने तथ्य रखने के लिए समन जारी किए हैं। याचिका में ऊक्त पालिसी पर रोक लगाने की मांग की गई है।

केजरीवाल सरकार की ODD-EVEN पालिसी के खिलाफ गुरुग्राम की अदालत में याचिका स्वीकार 2

याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता मुकेश कुलथिया द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा लागू की जा रही ODD-EVEN पॉलिसी कार निर्माता कंपनियों, बस निर्माता कंपनियों एवं ओला ऊबर जैसी निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से, याचिकाकर्ता एवं जनता के संवैधानिक एवं मोटर वाहन अधिनियम में प्रदत्त अधिकारों का हनन करते हुए पूरी तरह गैरकानूनी प्रशासनिक आदेश हैं ।
याचिकाकर्ता ने याचिका में न्यायालय का ध्यान इस ओर दिलाया है कि भारतीय संविधान किसी भी सामान्य नागरिक जिसमे याचिकाकर्ता भी शामिल है को पूरे भारत में बेरोक टोक आने-जाने एवं भ्रमण का अधिकार देता है। उन्होंने कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम, याचिकाकर्ता को निजी वाहन से पूरे भारत में चलने का अधिकार देता है। याचिकाकर्ता ने अपने वाहन का एकमुश्त रोड टैक्स प्रत्येक दिन के लिए चुकाया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट एवं NGT के आदेशों में उल्लेखित संज्ञान के अनुसार ODD-EVEN लागू करने से गत वर्षों में दिल्ली की प्रदूषण स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ था बल्कि स्थिति और खराब हुई थी ।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में दिल्ली सरकार के साथ केंद्र सरकार को भी जवाबदेह बताते हुए प्रतिवादी बनाया है ।

याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश के सामंजस्य में वाहन अधिनियम का पालन करवाना एवं उल्लंघन करने पर कानूनी करवाई सुनिश्चित करवाना केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी है। इस मामले में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय दिल्ली सरकार के इस गैरकानूनी आदेश पर खामोश है, ये खामोशी संदिग्ध है।

अधिवक्ता कुलथिया का कहना है कि इन सभी तथ्यों को नजरअंदाज कर बार-बार ODD-EVEN लागू करना यह साबित करता है कि “प्रदूषण तो बहाना है। गडकरी- केजरीवाल का असली मकसद तो जनता की वैध कारों को अवैध तरीकों से बंद कर, नए वाहनों के निर्माण एवं बिक्री को बढ़ाना है ।”
याचिकाकर्ता ने याचिका में अनुरोध किया कि केजरीवाल या दिल्ली सरकार यह बता दे कि देश के कौन से कानून के तहत दिल्ली सरकार को देश की जनता के मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए एवं केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करते हुए ODD-EVEN जैसे गैरकानूनी आदेश जारी करने के अधिकार दिए गए हैं ।
ऊक्त याचिका में समस्त कानूनी तथ्यों को उजागर करते हुए याचिकाकर्ता ने न्यायालय से इस ODD-EVEN पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज डॉ याशिका की अदालत ने इस मामले में दिल्ली एवं केंद्र सरकार दोनो को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है ।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली में ओड इवन पालिसी लागू की है। यह 4 नवम्बर से 15 नवम्बर तक लागू रहेगी। इससे ओड डेट को ओड नम्बर की जबकि इवन डेट को इवन नम्बर की गाड़ियां के ही चलाने की अनुमति है। केजरीवाल की ओर से प्रत्येक दिन सभी अखबारों में बड़े विज्ञापनों के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि इस पालिसी से प्रदूषण 10 से 25 प्रतिशत तक कम हो गया है। लेकिन संबंधित संस्थाओं का आकलन इससे उलट है जबकि आम लोगों को इससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास कर एनसीआर के शहरों में रहने वाले लोगों को दिल्ली जाने आने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।



You cannot copy content of this page