गुरुग्राम। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय जर्मनी एवं स्विटजरलैंड के शिक्षण संस्थानों से संबंध स्थापित कर एसवीएसयू के विद्यार्थीयों को उनकी तर्ज पर कौशल प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय विद्यार्थीयों को नई-नई तकनीकों के साथ रोजगारपरक शिक्षा के साथ उनके भविष्य को बेहतर स्वरूप प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी को रोजगारपरक शिक्षा देना एवं हर प्रकार के कौशल में निपुणता प्रदान करना है।
एसवीएसयु के कुलगुरू राज नेहरू ने बताया कि 6 से 13 अक्तूबर तक भारत से 19 सदस्यीय प्रतिनिधि दल ने जर्मनी एवं स्विटजरलैंड के कई शैक्षणिक संस्थानों का दौरा किया। प्रतिनिधि दल का मुख्य उद्देश्य इन देशों की शिक्षा पद्दति एवं स्किल को समझना एवं एसवीएयूके विद्यार्थियों को इन देशों के शिक्षण संस्थानों से जोड़ना है, जिससे विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्किल मिले।
एक सप्ताह के दौरे में विश्वविद्यालय की ओर से कुलगुरू राज नेहरू के साथ प्रो. ऋषिपाल एवं डां मणिकवर भी साथ रहे एवं जर्मनी एवं स्विटजरलैंड की शिक्षा प्रणाली एवं स्किल को जानने एवं समझने का प्रयास किया।
श्री नेहरू ने बताया कि बेहतर ज्ञान, प्रभावी कौशल एवं उचित व्यवहार आज के समय की जरूरत है। जिसके आधार पर विद्यार्थी कौशल एवं तकनीकी तौर पर हासिल करता है। वर्तमान समय में विद्यार्थी शिक्षण संस्थानों में भारी भरकम खर्च करने एवं काफी समय व्यतीत करने के बाद भी केवल जानकारी हासिल कर पाता है। उसे जिस प्रकार के कौशल की आवश्यकता है या कौशल उसके पास होना चाहिए वह हासिल नहीं कर पाता है। उपयुक्त कौशल और उचित रवैये का समावेश आधुनिक शिक्षा प्रणाली के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन गया है।
इस समस्या को गंभीरता से समझते हुए हरियाणा सरकार ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना कर इस विशाल चुनौती का समाधान करने के लिए सराहनीय पहल की ही। एसवीएसयू, भारत का पहला कौशल विश्वविद्यालय है, जो नौकरी उन्मुख रवैया और आवश्यक कौशल विकसित करके छात्रों को प्रभावी ढंग से तैयार करने के लिए एव विशिष्ट उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया है।
यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने स्टीनबिस यूनिवर्सिटी, बॉश रेक्स्रोथ ट्रेनिंग सेंटर, इकोले होटलियर लुसाने, एसआरआई, लोगिन बर्फ्सबिल्डुंग, आईबीजेड स्कूल ऑफ ह्यूबर सुनेर का दौरा किया।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य कौशल शिक्षा के लिए एक प्रभावशाली मॉडल सीखना और विकसित करना था। जो उद्योगों की मात्रा के अनुरूप कौशल विद्यार्थी तैयार करें। वर्तमान में उद्योगों को किस प्रकार का पाठ्यक्रम और तकनीकी समझ शैक्षणिक तौर पर विद्यार्थी को दी जाएं, यह सब इस यात्रा में शामिल था। इसके साथ ही जर्मनी एवं स्विटजरलैंड के संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन कर जर्मनी एवं स्विटजरलैंड के संस्थानों के बीच आपसी सहयोग विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
एसवीएसयू के विद्यार्थियों के बेहतर कौशल के लिए विदेशी देशों के शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्रचलित व्यावसायिक मॉडल की बहुत ही उपयोगी रणनीतियों की पहचान और कार्यान्यवयन के किए विचार-वर्मश किया गया, ताकि भारत के उद्योगों को कुशल कर्मचारी मिले। विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के शैक्षणिक एक्सपर्ट के साथ बेहतर चर्चा और उनके ड्यूल व्यावसायिक शिक्षा मॉडल को समझने के बाद उपयोगी शैक्षणिक, प्रशासनिक और अनुसंधान नीतियों को शामिल कर विद्यार्थियों को उच्च स्तर का कौशल प्रदान किया जाएगा।