मुंबई : महाराष्ट्र में आसन्न विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीटों के बंटवारे पर सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के अपना रुख सख्त करने की खबरों के बीच शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में, दोनों दलों का गठबंधन ‘‘अटल’’ है और यह गठबंधन एक बार फिर से सत्ता में वापसी करेगा।
यहां एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान ठाकरे ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की और अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने तथा समान नागरिक संहिता लाने की अपील की।
ठाकरे ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नेतृत्व और दिशा प्रदान की है जिसमें प्रगति और विकास करने की अपार क्षमता है। संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने तथा चंद्रयान -2 अभियान के लिए मैं मोदी को बधाई देता हूं …अब राष्ट्र अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण तथा समान नागरिक संहिता का इंतजार कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। मोदी ने इसे न केवल शब्दों में बल्कि वास्तविकता में सिद्ध कर दिया है।’’
ठाकरे ने कहा कि महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन की लिए देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर भी गर्व है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में अपार क्षमता है, और मोदी में, देश को (सही) दिशा देने वाला नेतृत्व मिला है ।’’
ठाकरे ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन ‘अटल’ है । हम सत्ता चाहते हैं …इसमें कोई शंका नहीं है, लेकिन हम ऐसा राज्य के विकास के लिए चाहते हैं। भाजपा शिवसेना ‘यूति’ (गठबंधन) प्रदेश में चुनावों के बाद एक बार फिर सत्ता में वापस लौटेगी। मुझे इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की बढ़ती जनसंख्या के लिए सुविधायें मुहैया करा रहे हैं।’’
कार्यक्रम में अपने भाषण में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि देश ने कभी किसी प्रधानमंत्री को इसरो वैज्ञानिकों के बीच बैठ कर उनका मनोबल बढ़ाते नहीं देखा।
इससे पहले दिन में मोदी ने इसरो प्रमुख के सिवन को देर तक और लंबे समय तक गले लगाया । चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग में विफल होने के बाद सिवन भावुक हो गए थे ।
मुंबई में, प्रधानमंत्री ने रिमोट-कंट्रोल के माध्यम से, तीन मेट्रो लाइनों के लिए आधारशिला रखी, इसके साथ ही शहर का मेट्रो नेटवर्क 42 किलोमीटर बढ़ जाएगा।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मेट्रो से जुड़े कई भवनों का उद्धाटन और शिलान्यास भी किया।
खबरों के अनुसार शिवसेना चाहती है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ सीटों का बंटवारा आधा-आधा हो। जिसका मतलब है कि दोनों पार्टी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
विधानसभा की कुल 288 सीटों में से, भाजपा और शिव सेना ने 18 सीटें छोटे सहयोगियों को आवंटित करने पर सहमति जतायी है, लेकिन इस पर औपचारिक रूप से मुहर लगनी बाकी है।