हरियाणा मंत्रिमंडल ने लिए कई अहम फैसले

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चंडीगढ़, 30 अगस्त- हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई बैठक में हरियाणा मंत्रिपरिषद द्वारा हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत जारी की जाने वाली अधिसूचनाओं और नियमों तथा इससे संबंधित मामलों के अनुमोदन के सम्बन्ध में अपनी शक्तियां मुख्यमंत्री को सौंपने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिपरिषद द्वारा हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के क्रियान्वयन तथा तदनुसार हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत सरकार के पास निहित शक्तियों के प्रयोग में सरकार द्वारा जारी की जाने वाली आवश्यक अधिसूचनाओं/संशोधनों को अधिसूचित करने के उद्देश्य से जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर बनाए जाने वाले मसौदा नियमों को मंजूरी देने और संशोधित करने तथा इससे से सम्बन्धित अन्य सभी मामलों के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करने के लिए भी मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
इस तथ्य के मद्देनजर कि जीएसटी के क्रियान्वयन में नियमों में संशोधन तथा अधिसूचनाओं के अलावा कई निर्णय लेने पड़ते हैं, हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत नए नियम बनाने, कर की दर निर्धारित करने, अधिसूचनाएं जारी करने और इनमें संशोधन करने समेत प्रदेश में जीएटी के क्रियान्वयन से सम्बन्धित सभी मामलों के लिए मुख्यमंत्री को शक्तियों का यह हस्तांतरण आगामी छ:माह की अवधि के लिए जारी रहेगा।

मंत्रिमण्डल की बैठक में जिला जीन्द की तहसील नरवाना के गांव धनौरी को जिला कैथल की तहसील कैथल में शामिल करने से सम्बन्धित राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
यह निर्णय गांव धनौरी की ग्राम पंचायत द्वारा पारित किए गए एक प्रस्ताव के आधार पर लिया गया है। जिला जीन्द से गांव धनौरी की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है जबकि तहसील एवं जिला मुख्यालय कैथल से यह गांव मात्र 23 किलोमीटर दूर है।

मंत्रिमण्डल की बैठक में बागवानी विभाग से संबंधित एक कनाल पांच मरला भूमि पंचकूला में यूनिवर्सिटी लाइन डिपार्टमेंट कोर्डिनेशन सेंन्टर की स्थापना हेतु चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार को हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमण्डल की बैठक में आज नारायणगढ़ चीनी मिल को 60 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करने के स्वीकृति प्रदान की गई ताकि यह मिल किसानों को गन्ने के बकाया का भुगतान कर सके।
इसके साथ ही मंत्रिमण्डल ने दूध उपकर पर चक्रवर्ती ब्याज माफ करने का निर्णय लिया और इससे डिफाल्टर दूध प्लांटों को 50 प्रतिशत बकाया का भुगतान करना होगा। चक्रवर्ती ब्याज के बजाय अब 12 प्रतिशत साधारण ब्याज दर लागू होगी। दूध पर उपकर 5 पैसे प्रति लिटर की दर से ही लागू रहेगा।

बैठक में हरियाणा वास्तुकला तकनीकी (ग्रुप-सी) सेवा नियम,1990 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। नए नियम हरियाणा वास्तुकला तकनीकी (ग्रुप-सी) सेवा (संशोधन) नियम, 2019 कहे जाएंगे।
नए सेवा नियम आर्किटेक्चरल असिस्टेंट, सीनियर ड्राफ्ट्समेन, सीनियर ड्राफ्ट्समेन (इंटीरियर डेकोरेटर), सीनियर ड्राफ्ट्समेन(मॉडलर), जूनियर ड्राफ्ट्समेन, असिस्टेंट ड्राफ्ट्समेन और फेरो-प्रिंटर जैसे विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती, पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति या स्थानांतरण के मामले में लागू होंगे।

मंत्रिमण्डल की बैठक में 31 मार्च, 2020 तक जनरेटिंग सेट्स/स्व उत्पादन पर बिजली शुल्क लगाने से छूट को स्वीकृति प्रदान दी गई ।
ऐसे उत्पादनों पर बिजली शुल्क लगाने से छूट की अनुमति इस तथ्य को देखते हुए दी जा रही है कि मालिकों द्वारा जनरेटिंग सेट्स कटौती, बे्रेकडाउन या पावर कट्स के चलते बिजली आपूर्ति प्रणाली फेल होने के कारण चलाए जाते हैं।

बैठक में सेंटर फॉर प्लांट बायोटेक्नोलॉजी (सीपीबी)को विज्ञान परिषद से चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार को हस्तांतरित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
सीपीबी को सभी मौजूदा संपत्तियों और देनदारियों के साथ ‘जैसे है जहां है’ आधार पर विश्वविद्यालय को इस शर्त पर हस्तांतरित किया जाएगा कि विश्वविद्यालय सीपीबी का संचालन उसके निर्धारित उद्देश्यों के अनुरूप ही करेगा और विभाग की अनुमति के बिना कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
विश्वविद्यालय द्वारा सीपीबी के सभी नियमित कर्मचारियों की सेवाओं का समावेश किया जाएगा और उन्हें सीपीबी में नियमित आधार पर प्रदान की गई सेवा की निरंतरता और अन्य सेवाओं के लाभ प्रदान करेगा। सीपीबी के वे नियमित कर्मचारी जो विश्वविद्यालय में जाने के इच्छुक नहीं हैं, हरियाणा राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद में बने रह सकते हैं।
वर्ष 2000 में सीपीबी जिसे सेंटर फॉर रिसर्च एंड एप्लीकेशन इन प्लांट टिशू कल्चर के नाम से जाना जाता है, की स्थापना राज्य में बागवानी/फूलों की खेती के लिए विशिष्टï पौधारोपण सामग्री का उत्पादन करने, उत्पादन गतिविधियों के लिए आवश्यकता आधारित अनुसंधान करने, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, किसानों और कॉर्पोरेट्स को गहन एवं व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने और टिशू कल्चर तकनीक अनुप्रयोग को लोकप्रिय बनाने जैसे विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए की गई थी। हालांकि, वर्ष 2007 में सेंटर फॉर रिसर्च एंड एप्लीकेशन इन प्लांट टिशू कल्चर की गतिविधियों और उद्देश्यों को व्यापक बनाने के लिए इस सेंटर को सीपीबी का नाम दिया गया।

मंत्रिमण्डल की बैठक में हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-ए) सेवा नियम,1986 को निरस्त करते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग के ग्रुप-ए अधिकारियों के संबंध में मॉडल सेवा नियमों को स्वीकृति प्रदान की गई। नए नियमों को हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-ए) सेवा नियम, 2019 कहा जाएगा।
वर्ष 1986 में तकनीकी शिक्षा विभाग के ग्रुप-ए अधिकारियों की सेवाओं को संचालित करने वाले सेवा नियम अर्थात् हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-ए) सेवा नियम, 1986 प्रकाशित किए गए थे। इन नियमों के लागू होने के बाद, तकनीकी शिक्षा विभाग के संस्थानों में अनेक नए पाठ्यक्रम जैसे सिरेमिक इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, फैशन डिजाइन, खाद्य प्रौद्योगिकी और प्लास्टिक इंजीनियरिंग शुरू हुए। इसके अलावा, नए पदों का सृजन और पदों का पुनर्गठन किया गया। इन परिवर्तनों को सेवा नियमों में शामिल किया जाना आवश्यक था और अब मॉडल सेवा नियमों में इन्हें शामिल किया गया है।
इसी प्रकार, मंत्रिमण्डल ने हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-बी) सेवा नियम, 2001 को निरस्त करते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग के ग्रुप-बी अधिकारियों के संबंध में भी मॉडल सेवा नियमों को स्वीकृति  प्रदान की। नए नियमों को हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-बी) सेवा नियम, 2019 कहा जाएगा। वर्ष 2001 में तकनीकी शिक्षा विभाग के ग्रुप-बी अधिकारियों की सेवाओं के संचालन के लिए  सेवा नियम अर्थात् हरियाणा तकनीकी शिक्षा विभाग (ग्रुप-बी) सेवा नियम, 2001 लागू किए गए थे। इन नियमों के लागू होने के बाद, तकनीकी शिक्षा विभाग के संस्थानों में फैशन डिजाइन फैशन टेक्नोलॉजी, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी जैसे कुछ नए पाठ्यक्रम शुरू हुए। इसके अलावा, नए पदों का सृजन और पदों का पुनर्गठन किया गया। इसके अतिरिक्त, प्रोडक्शन, इंडस्ट्रीयल टेक्नोलॉजी, माइक्रो प्रोसेसर टेक्नोलॉजी जैसे कुछ पाठ्यक्रम शुरू किए गए। इन परिवर्तनों को सेवा नियमों में शामिल किया जाना आवश्यक था और अब इसे मॉडल सेवा नियमों के अनुसार किया गया है।

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