लोकसभा में उठी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मां
नयी दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को भाजपा के एक सदस्य ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग उठाई वहीं पार्टी के एक अन्य सदस्य ने पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ के विषय को उठाते हुए सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की।
शून्यकाल में भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान के दिशानिर्देशक सिद्धांतों के तहत देश में समान नागरिक संहिता (यूनीफॉर्म सिविल कोड) होनी चाहिए।
उन्होंने सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि समान नागरिक संहिता के लिए विधेयक सदन में लाया जाए। जिससे सब नागरिक भारतीय कहलाएं, हिंदू, मुस्लिम या ईसाई नहीं।’’ पश्चिम बंगाल से भाजपा के सदस्य सुकांत मजूमदार ने राज्य में रोहिंग्या समुदाय के लोगों की अवैध घुसपैठ का विषय उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तुष्टीकरण के लिए घुसपैठियों के साथ खड़ी है। केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
भाजपा के दिलीप सैकिया ने देश में जनसंख्या वृद्धि को गंभीर मामला बताते हुए इस पर नियंत्रण के लिए जनसंख्या नीति बनाने की मांग की।
उन्होंने असम समेत देशभर में रहने वाले बांग्लाभाषी हिंदुओं के लिए कदम उठाने की मांग भी केंद्र से की।
तृणमूल कांग्रेस की अपरूपा पोद्दार ने सरकार से बंजारा समुदाय के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि देश में सभी वर्गों की बात होती है लेकिन बंजारा समुदाय की बात नहीं होती। इस समुदाय के लोगों के बच्चों को टीकाकरण का लाभ मिलता है या नहीं, इनके पास आधार कार्ड हैं या नहीं? इस ओर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि लोकसभा में पिछले दिनों राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक पारित होने के बाद आज देशभर में डॉक्टर इसके विरोध में हड़ताल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विधेयक अभी राज्यसभा में पारित नहीं हुआ है और सरकार को चिकित्सक समुदाय की चिंताओं पर ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने उद्योगपति वी जी सिद्धार्थ की मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस घटना के पीछे कथित रूप से एक कारण आयकर अधिकारी द्वारा उत्पीड़न किया जाना सामने आया है। सरकार को इस संवेदनशील मामले में जांच करानी चाहिए।
भाजपा के रामकृपाल यादव ने बिहार के पटना में महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट की कर्मभूमि को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग शून्यकाल में उठाई।
शून्यकाल में ही भाजपा के सी पी जोशी, उदय प्रताप सिंह, विनोद कुमार सोनकर, देवजी सिंह पटेल, रमेश बिधूड़़ी, वी डी शर्मा, हंसराज हंस और सुनीता दुग्गल, कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला और अमर सिंह, तृणमूल कांग्रेस के शिशिर अधिकारी, वाईएसआर कांग्रेस के मिथुन रेड्डी तथा आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भी अपने अपने मुद्दे उठाए।