नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अपने सेक्रेटरी जनरल से बुधवार को रिपोर्ट मांगी कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता की ओर से प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखा पत्र उनके सामने क्यों नहीं रखा गया।
इस पत्र में पीड़िता ने अपनी जान को खतरे की आशंका जताई थी।
न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, पत्र अभी सामने नहीं आया है और इसके बावजूद समाचार पत्रों ने इसे ऐसे प्रकाशित किया है कि जैसे मैंने इसे पढ़ लिया हो।’’
बाल दुष्कर्म मामलों में न्यायमित्र के तौर पर न्यायालय की सहायता कर रहे वरिष्ठ वकील वी गिरि ने उन्नाव बलात्कार मामले को तत्काल सूचीबद्ध किए जाने की अपील की थी, जिसके बाद न्यायालय ने यह टिप्पणी की।
न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता के दुर्घटनाग्रस्त होने पर उत्तर प्रदेश प्राधिकारियों से बृहस्पतिवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को भी कहा।
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दो वर्ष पहले अपने आवास में युवती से बलात्कार करने का आरोप है। मामले की पीड़िता रविवार को कार हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
रायबरेली जिले में तेज गति से आते एक ट्रक ने उस कार को टक्कर मार दी थी जिसमें वह अपने परिवार के साथ सवार थी।
इस हादसे में उसके परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गई और पीड़िता का वकील भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। महिला के परिवार ने इस हादसे के पीछे ‘‘षड्यंत्र’’ होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।