सुबह लगभग 8.50 बजे इस घटना की जानकारी मिलते ही गृह मंत्रालय ने तुरंत 09 नौकाओं और अन्य आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ मुंबई और पुणे से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 02 टीम को तैनात किया। एनडीआरएफ की टीमें लगभग 09.40 बजे घटनास्थल पर पहुंची। उसी समय गृह मंत्रालय के अनुरोध पर रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने बचाव अभियान के लिए तुरंत नौसेना और वायु सेना की टीमों को तैनात किया।
नौसेना दल विशेषज्ञ गोताखोरों के साथ स्थल पर पहुंचे। बचाव अभियान में सहायता के लिए दो एमआई -17 भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को भी कार्य में लगाया गया। 130 प्रशिक्षित कर्मचारियों, भोजन पैकेज, पानी और बचाव सामग्री के साथ सेना की दो टुकड़ियां भी तैनात की गई थी।
रेल मंत्रालय ने एक राहत ट्रेन सहित सभी आवश्यक संसाधन जुटाए और यात्रियों को चिकित्सा सहायता और नाश्ता भी उपलब्ध कराया।
पूरी तरह से पानी से भरे सड़कों, कठिन और दुर्गम क्षेत्र के बावजूद एनडीआरएफ और नौसेना की टीमों ने सभी फंसे हुए यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों को ट्रेन से सुरक्षित निकाल लिया।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा स्थिति की पूरी निगरानी की गई। उन्होंने और गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने गृह मंत्रालय,एनडीआरएफ, रक्षा मंत्रालय और अन्य एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की, जिसकी बदौलत कम से कम समय में सभी यात्रियों को सफलतापूर्वक बचाया जा सका।
कोल्हापुर तक यात्रियों की आवाजाही के लिए भारतीय रेलवे द्वारा एक विशेष 19-कोच ट्रेन की व्यवस्था की गई है।