उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चन्द्रमा की उस सतह पर उतर कर चन्द्रयान-2 परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो जाएगी, जहां अब तक कोई भी मानव निर्मित वस्तु नहीं पहुंच सकी है।
श्री नायडू ने कहा, “यह पहल बाहरी अंतरिक्ष की खोज में भारत के योगदान के मद्देनजर एक बड़ी छलांग है तथा भारत उन तीन देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने इसी तरह के चुनौतिपूर्ण अभियानों का आयोजन किया है। यह निश्चित रूप से पिछले तीन वर्षों के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी में देश की तेज प्रगति का जीवंत प्रमाण है।”
श्री नायडू ने ट्वीटर और फेसबुक पर भी भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की उपलब्धि का स्वागत किया।
चन्द्रयान-2 के लांच पर प्रधानमंत्री का संदेश
चन्द्रयान-2 को लांच करने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “विशेष पल जो हमारे गौरवशाली इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है! चन्द्रयान-2 के लांच से विज्ञान में नई ऊंचाइयां छूने के लिए हमारे वैज्ञानिकों की क्षमता और 130 करोड़ भारतीयों की प्रतिबद्धता प्रकट होती है। आज हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है!
उन्होंने कहा कि हृदय से भारतीय, भावना से भारतीय! हर भारतीय के लिये प्रसन्नता का विषय है कि चन्द्रयान-2 पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है। चन्द्रमा के धरातल का विश्लेषण करने के लिए चन्द्रयान-2 में चन्द्रमा के संबंध में दूर संवेदन के लिए एक आर्बिटर तथा लैंडर – रोवर मॉड्यूल होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि चन्द्रयान-2 इसलिए विशिष्ट है, क्योंकि यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का अध्ययन और जांच करेगा, जहां अभी तक कोई खोज नहीं हुई थी। इस क्षेत्र से पहले नमूने भी कभी नहीं लिये गए। इस मिशन से चन्द्रमा के बारे में नई जानकारियां मिलेंगी।
उनका कहना था कि चन्द्रयान-2 जैसे प्रयासों से हमारे प्रतिभाशाली युवाओं को विज्ञान, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और नवाचार के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा। चन्द्रयान को धन्यवाद, भारत के चन्द्र कार्यक्रम को बहुत बढ़ावा मिलेगा। चन्द्रमा के बारे में हमारे मौजूदा ज्ञान में बहुत वृद्धि होगी।”