गुरूग्राम जिला की अदालतों में लगभग डेढ़ लाख मामले लंबित
लगभग 22 हजार मामले मोटर वाहन अधिनियम तथा ट्रैफिक नियम उल्लंघन से संबंधित
लगभग 60 हजार मामले चैक बाउंस के लंबित
गुरूग्राम । जिला एवं सत्र न्यायधीश रवि कुमार सोंधी ने आज बताया कि गुरूग्राम न्यायिक परिसर में शनिवार 13 जुलाई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा जिसमें आपसी सहमति से हल हो सकने वाले न्यायालयांे में लंबित मामले रखें जाएंगे। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम जिला में मोटर वाहन अधिनियम तथा यातायात नियमों के उल्लंघन के लगभग 22 हजार मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं, जिनका निपटारा लोक अदालत में किया जा सकता है इसलिए इन मामलों में शामिल लोग लोक अदालत में आकर अपने लंबित मामलों का निपटारा करवाएं।
श्री सोंधी आज अपने चैंबर में मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शनिवार को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत विशेष रूप से मोटर वाहन अधिनियम, यातायात नियमों के उल्लंघन, चैक बाउंस, पारिवारिक झगड़ों आदि से संबंधित विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों का निपटारा करवाने का सराहनीय अवसर है। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम जिला में विभिन्न अदालतों में लगभग डेढ़ लाख मामले लंबित हैं जिनमें से लगभग 22 हजार मामले मोटर वाहन अधिनियम तथा ट्रैफिक नियम उल्लंघन से संबंधित है। इसके अलावा, लगभग 60 हजार मामले चैक बाउंस से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों का निपटारा लोक अदालत में आसानी से हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि अदालत द्वारा संबंधित पक्षों को अपना केस लोक अदालत में रखवाने के लिए नोटिस भेजे गए हैं लेकिन चाहे किसी को नोटिस मिला हो या ना मिला हो, वह लोक अदालत में उसी दिन आकर अपना टैªफिक चालान प्रस्तुत करके उसका भुगतान मौके पर ही करके केस का निपटारा कर सकता है।
श्री सोंधी ने कहा कि प्रदेश के दूसरे जिलों में लोक अदालत के लिए एक ही बैंच बनाई जाती है लेकिन गुरूग्राम में 10 बैंच बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में होने वाला फैसला स्थाई होता है तथा दोनों ही पक्ष यहां से जीतकर जाते हैं। इससे दोनों पक्षों के समय व धन की बचत होती है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि अबकी बार लोक अदालत में गुरूग्राम में कम से कम 20 हजार लंबित मामलों का निपटारा किया जाए। श्री सांेधी ने कहा कि लोगों की समस्याओं को हल करने का उनका प्रयास है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में मामले का निपटारा होने के बाद संबंधित पक्षों को कोर्ट फीस भी वापिस हो जाती है तथा उस फैसले के खिलाफ ना दलील और ना अपील होती है। इससे केवल एक केस का निपटारा नहीं होता अपितु उससे जुडे़ कई केस सुलझ जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार मामलों के निपटारे से रिश्तों को बचाने में भी लोक अदालत काफी कारगर सिद्ध हो रही है।
उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायधीश तथा हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस राजीव शर्मा के नेतृत्व में यह इस वर्ष की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत है। उन्होंने बताया कि वर्ष में चार राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई जाती है। श्री सोंधी ने बताया कि अब तक कुल 6085 मामलों की पहचान की गई है जो राष्ट्रीय लोक अदालत मंे रखे जाएंगे।
इस मौके पर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं चीफ जुडिशियल मैजिस्टेªट नरेंद्र सिंह भी उनके साथ उपस्थित थे।