सामान आपूर्तिकर्ता के लिए शुरूआती सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये की गई
जीएसटी शासन पूर्व के 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि वाले मुकदमों के निपटान के लिए सबका विश्वास विवाद समाधान नीति योजना
भारत में गैर-निर्मित रक्षा उपकरणों पर सीमा शुल्क की छूट
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया
पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क और उपकर में एक-एक रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी
सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर लगने वाला सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया
तम्बाकू उत्पादों और क्रूड पर बहुत कम उत्पाद शुल्क लगाया गया
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि केन्द्रीय बजट-2019-20 में अप्रत्यक्ष करों से संबंधित प्रमुख प्रस्तावों में जीएसटी प्रक्रियाओं को और सरल बनाया गया है। पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है, सोने और बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क बढ़ा कर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है, तम्बाकू और क्रूड पर नाम मात्र का उत्पाद शुल्क लगाना शामिल है: बजट में कुछ रक्षा उपकरणों को आयात में छूट देने, कुछ कच्चे माल और पूंजीगत वस्तुओं पर सीमा शुल्क घटाने तथा कच्चे और अर्ध परिष्कृत चमड़े पर आयात शुल्क तर्कसंगत बनाने का प्रावधान किया गया है।
जीएसटी
श्रीमती निर्मला सीतारामन ने घोषणा की है कि जीएसटी प्रक्रियाओं को और सरल बनाया जा रहा है। उन्होंने वस्तुओं की आपूर्तिकर्ताओं के लिए छूट की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये से अधिक करने की घोषणा की। 5 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर वाले करदाता अपनी रिटर्न हर तिमाही में दाखिल करेंगे। छोटे व्यापारियों के लिए रिटर्न तैयार करने हेतु मुफ्त लेखा साफ्टवेयर उपलब्ध कराया गया है। एक पूरी तरह स्वचालित जीएसटी रिफंड मॉडयूल लागू किया जाएगा। किसी करदाता के लिए एक से अधिक कर लेजरों के स्थान पर एक ही लेजर बनाया जाएगा।
बजट में इलेक्ट्रोनिक इनवॉयस प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें इनवॉयस विवरण जारी होने के साथ ही इस केन्द्रीय प्रणाली में शामिल कर लिया जाएगा। इसका करदाता द्वारा रिटर्न फाइल करने से पूर्व उपयोग किया जा सकेगा। अलग से ई-वे बिल की कोई जरूरत नहीं होगी। जनवरी, 2020 से शुरू होने वाली इलेक्ट्रोनिक इनवॉयस प्रणाली अनुपालन भार को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के साथ अप्रत्यक्ष कर की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। इसे भारी सुधार की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली केन्द्र और राज्य को एक साथ लाने में समर्थ हुई है, जिसके परिणाम स्वरूप 17 कर और 13 उपकर एक हो गए हैं और करों की विभिन्न दरों की संख्या केवल चार हो गई है। लगभग सभी वस्तुओं की दरों में कमी हुई है। दसों तरह की रिटर्नों का स्थान एक रिटर्न ने ले लिया है। कर विभाग के अधिकारियों से करदाताओं का आमना-सामना कम हो गया है। सीमा पर होने वाली जांच पड़ताल समाप्त हो गई है। एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं की आवाजाही बाधा मुक्त होने से समय और ऊर्जा की बचत हुई है। एक राष्ट्र एक कर का सपना अर्जित हुआ है।
जीएसटी परिषद की प्रशंसा करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी के शुरूआती चरण के दौरान सामने आई समस्याओं के समाधान के लिए परिषद, केन्द्र और राज्यों ने सक्रिय रूप से काम किया है। जीएसटी की दरों में काफी कमी हुई है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 92 हजार करोड़ रुपये की राहत मिली है।
सबका विश्वास विवाद समाधान नीति योजना
जीएसटी शासन से पूर्व बड़ी संख्या में लम्बित मामलों के मुद्दों पर उन्होंने कहा कि इस भार को हटा कर व्यापार को आगे बढ़ने की अनुमति देने की जरूरत है। सेवा कर और उत्पाद कर के विवादों में 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि फंसी हुई है। बजट में विवाद समाधान-सह-माफी योजना ‘सबका विश्वास विवाद समाधान नीति योजना-2019’ का प्रस्ताव किया गया है। इससे इन विवादों के जल्दी समाप्त होने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत स्वैच्छिक खुलासा मामलों के अलावा अन्य मामलों के लिए कर में 40 से 70 प्रतिशत की राहत दी जाती है, जो कर की देय राशि पर निर्भर करती है। इस योजना में ब्याज और जुर्माने के भुगतान में भी राहत देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत मुक्त किए गए व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।
सीमा शुल्क
सीमा शुल्क के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाने, मेक इन इंडिया के तहत अधिक घरेलू मूल्य संवर्धन अर्जित करने, आयात निर्भरता कम करने, एमएसएमई क्षेत्र को संरक्षण देना, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने, अनावश्यक आयात को रोकने, कमियां दूर करने के उद्देश्य के साथ प्रस्तावों को तैयार किया गया है। रक्षा आधुनिकीकरण और उन्नयन को राष्ट्रीय प्राथमिकता और तुरंत जरूरत बताते हुए बजट में देश में निर्मित न होने वाले रक्षा उपकरणों के आयात पर मूल सीमा शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।
मेक इन इंडिया को उत्साह जनक लक्ष्य बताते हुए वित्तमंत्री ने कुछ विशेष वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, जिससे घरेलू उद्योगों को समानता का अवसर उपलब्ध हो। इन वस्तुओं में पीवीसी, काजू गिरी, विनाइल फलोरिंग, टाइल्स, मैटल फिटिंग्स, फर्नीचर माउंटिंग्स, ऑटो पार्ट्स, विशेष किस्म के सिंथेटिक रबड़, मार्बल स्लैब्स, केबिल, सीसीटीवी कैमरा, आईटी कैमरा, डिजिटल और नेटवर्क वीडियो रिकार्ड शामिल हैं। उन्होंने देश में अब निर्मित हो रही कुछ विशेष इलेक्ट्रोनिक वस्तुओं पर लगने वाले सीमा शुल्क छूट को वापस लेने का प्रस्ताव किया है। देश के प्रकाशन और प्रिंटिंग उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए आयातित किताबों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया जाएगा।
घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ कच्ची सामग्रियों और पूंजीगत वस्तुओं पर सीमा शुल्क घटाने का प्रस्ताव किया गया है। इन वस्तुओं में सीआरजीओ सीट के कुछ उत्पाद, अलोय रिबन, ईथाइलीन डाइक्लोराइड, प्रोपाइलीन ऑक्साइड, कोबाल्ट मेट, नेफ्था, ऊन फाइबर, कृत्रिम किडनी निर्माण के सामान और डिस्पोजेबल स्ट्रेलाइज्ड, डाइलाइजर और न्यूक्लियर पॉवर संयंत्रों का ईंधन शामिल है। वित्तमंत्री ने ई-मोबिलिटी को और प्रोत्साहित करने के लिए विद्युत वाहनों के कुछ पुर्जों पर छूट देने की घोषणा की है।
पेट्रोल और डीजल पर शुल्क और उपकर
वित्तमंत्री ने कहा कि बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक-एक रुपये प्रति लीटर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। कच्चे तेल के मूल्य कम हुए हैं। इससे पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क और उपकर की समीक्षा करने का मौका मिला है।
श्रीमती सीतारामन ने सोने और अन्य मूल्यवान धातुओं पर लगने वाले सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने की घोषणा की है। बजट में कच्चे और अर्ध परिष्कृत चमड़े पर निर्यात शुल्क को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया है ताकि इस क्षेत्र को राहत उपलब्ध हो।
तम्बाकू उतपादों और क्रूड पर शुल्क
वित्तमंत्री ने बताया कि तम्बाकू उत्पाद और क्रूड राष्ट्रीय आपदा और आकस्मिक ड्यूटी को बढ़ावा देते हैं। कुछ मामले इसी आधार पर लड़े जा रहे हैं कि इन वस्तुओं पर कोई मूल उत्पाद शुल्क नहीं है। इस मुद्दे के निपटान के लिए बजट में तम्बाकू उत्पादों और क्रूड पर बहुत कम मूल उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। उन्होंने सीमा शुल्क अधिनियम में कुछ संशोधन करने का प्रस्ताव किया। उन्होंने बताया कि मौजूदा रूख से पता चला है कि अनावश्यक छूट और निर्यात प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए कुछ फर्जी कम्पनियां गलत तरीके अपना रही हैं। उन्होंने यह घोषणा की कि 50 लाख रुपये से अधिक की शुल्क मुक्त स्क्रिप्स और ड्रॉबैक सुविधा का गलत उपयोग करना एक गंभीर और गैर-जमानती अपराध होगा।