केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा : धारा 370 हमारे संविधान का अस्थायी मुद्दा है

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में अपने वक्तव्य में कहा कि पहले कश्मीर में देश विरोधी बात करने वालों को सरकार द्वारा सुरक्षा दी जाती थी। भारत की जनता के पैसे से भारत विरोधियों को सुरक्षा दी जाती थी। आज नरेंद्र मोदी सरकार की नीति देश की सुरक्षा व आतंकवादियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की है और यह बेहद स्पष्ट है।

श्री शाह आज लोकसभा में जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन और रिजर्वेशन संशोधन बिल पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने सुरक्षा का रिव्यू किया और 2000 में से 919 लोग, जिन्हें भारत विरोधी बयान के कारण सुरक्षा मिली थी, उनकी सुरक्षा को हटाने का काम किया। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूँ कि जमायते इस्लामी और JKLF पर आज तक प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया था ?मोदी सरकार आने के बाद इन पर प्रतिबंध लगा। इन अलगाववादियों और देशद्रोहियों पर प्रतिबंध न लगाकर कांग्रेस किसे खुश करना चाहती थी?

अमित शाह ने कहा कि जमायते इस्लामी पर पहले क्यों प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया? किसको खुश करना चाहते थे आप?, ये नरेन्द्र मोदी सरकार है जिसने इस पर प्रतिबंध लगाया।

गृह मंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि धर्म के आधार पर देश के विभाजन का समर्थन हम ना तब करते थे और ना आज करते हैं। ये विभाजन एक ऐतिहासिक गलती है। उन्होंने पूछा कि और ये गलती किसने की? आज कश्‍मीर का एक तिहाई हिस्‍सा हमारे पास नहीं है तो किसकी वजह से नहीं है ? आपकी गलतियों को यह देश आज तक भुगत रहा है।

श्री शाह ने कहा कि कश्मीरी पंडितों, सूफियों को भगाने वाले इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात कर रहे है। इंसानियत वो है जब 70 साल बाद लोगों को टॉयलेट और गैस मिली। जम्हूरियत वो है जब गाँव के हितों के निर्णय वहाँ के चुने सरपंच ले रहे हैं। और कश्मीरियत देश विरोध में नहीं देश का साथ देने में है।

इस वीडयो में सुने अमित शाह ने क्या कहा ?

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पहली बार जनता महसूस कर रही है कि जम्मू और लद्दाख भी राज्य का हिस्सा है। सबको अधिकार देने का काम मोदी सरकार ने किया है।

गृह मंत्री ने के यह कहते हुए सबको चौकाया कि एक समय ऐसा था जब पूरे कश्मीर में भारत का निशान नहीं था, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बोर्ड से इंडिया को छुपा दिया जाता था। तिरंगा फहराने के लिये मुरली मनोहर जोशी जी और मोदी जी ने अपनी जान की बाजी लगायी।जो भारत को तोड़ना चाहते हैं आज उनके मन में एक डर है और यह डर होना भी चाहिए।

उन्होंने याद दिलाया कि अब तक कश्मीर में सिर्फ तीन ही परिवार वर्षों तक शासन करते रहे। जम्मू-कश्मीर में लोगों को उनके सरपंच तक चुनने का अधिकार आपने नहीं दिया था। गृह मंत्री ने कांग्रेस पर प्रहार करते हूए कहा कि आपने अधिकार छीने और हमने अधिकार दिए हैं…यही आपकी पीड़ा है कि आज अधिकार तीन परिवारों के हाथ से निकलकर जनता के पास आ गये हैं।

धारा 370 का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बार बार जम्मू-कश्मीर में 370 की दुहाई देने वाले ये भूल जाते हैं कि उसके आगे अस्थायी शब्द भी लगा है। 370 हमारे संविधान का अस्थायी मुद्दा है।

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