नयी दिल्ली । एक देश, एक विधान, एक प्रधान, एक निशान का नारा देने वाले डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी का आज के ही दिन देहांत हुआ था। उनकी मौत आज भी एक रहस्य ही है। भारतीय जनसंघ के संस्थापक और भाजपा के विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में दिवंगत नेता की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद जेपी नड्डा ने पंडित जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस को भी निशाने पर लिया।
नड्डा ने कहा कि पूरे देश ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच की मांग की, लेकिन पंडित नेहरू ने जांच के आदेश नहीं दिये। उन्होंने कहा कि इतिहास इसका गवाह है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि डॉ मुखर्जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। भारतीय जनता पार्टी उनकी मौत के कारणों का पता लगाकर रहेगी।
गौरतलब है कि डॉ॰ मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहां का मुख्यमन्त्री (वजीरे-आज़म) अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी।