नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थिति नील रत्न सरकार मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से मारपीट का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोलकाता के डॉक्टरों के समर्थन में देशभर के डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 14 बड़े अस्पतालों समेत 18 अस्पतालों ने शनिवार को भी हड़ताल पर रहने का ऐलान कर दिया है।
शुक्रवार को भी देश के कई राज्यों के डॉक्टरों ने कामकाज बंद रखा जबकि कई अस्पतालों में डॉक्टरों ने काली पट्टी लगाकर विरोध जताया जबकि कुछ ने हेलमेट पहन कर और घायलों की तरह पट्टी बांध कर गुस्से का इजहार किया। डॉक्टरों की आईएमए और अन्य संस्थाओं ने कोलकाता की घटना और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के धमकी भरे बयान को लेकर नाराजगी जाहिर की है। खबर है कि सौ से अधिक डॉक्टरों ने इस्तीफे के ऐलान कर दिया है।
दूसरीं तरफ डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांग पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दे रहे हैं। अगर सरकार नाकाम रहती है तो हमें एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
दिल्ली के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल में हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इन डॉक्टरों के हड़ताल में जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से हिंदुस्तान के कई हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर लोगों को इलाज न मिलने से कई तरह की परेशानी हो रही है।
शनिवार को दिल्ली के जिन अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर शामिल रहेंगे, उनमें एम्स, सफदरजंग हॉस्पिटल, बाबा साहब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, हिंदूराव हॉस्पिटल, बीएमएच दिल्ली, दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज (इहबास), श्री दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, नॉर्दन रेलवे सेंट्रल हॉस्पिटल, ईएसआईसी हॉस्पिटल, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल और गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल समेत अन्य हॉस्पिटल शामिल हैं।