नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 5वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक 15 जून, 2019 को राष्ट्रपति भवन में होगी। गवर्निंग काउंसिल की बैठक में पदेन सदस्य के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त तथा कारपोरेट कार्य मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, ग्रामीण विकास तथा पंचायतीराज मंत्री भाग लेंगे।
इस महत्वपूर्ण बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्य, सीईओ तथा वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त विशेष आमंत्रित के रूप में सड़क परिवहन तथा राजमार्ग और सूक्ष्म लघु तथा मध्यम उद्यम मंत्री, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री और सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन तथा नियोजन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भाग लेंगे।
काउसिंल की 5वीं बैठक में भाग लेने वाले विशेष आमंत्रित में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री, जल शक्ति मंत्री तथा पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्यपालन मंत्री शामिल हैं।
पृष्ठभूमि:
गवर्निंग काउंसिल की पिछली बैठक की कार्य सूची में शामिल विषयों पर की गई कार्रवाई की समीक्षा करती है तथा भविष्य की विकास प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करती है। अब तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गवर्निंग काउंसिल की चार बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री/उपराज्यपाल/केन्द्रशासित प्रदेश के प्रशासक और नीति आयोग के सदस्य शामिल हुए थे।
बैठक का एजेंडा :
1. वर्षा – जल संचय
2. सूखे की स्थित तथा राहत उपाय
3. आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम – उपलब्धियां और चुनौतियां
4. कृषि में परिवर्तन: निम्नलिखित पर विशेष बल के साथ ढांचागत सुधार:
ए. कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम
बी. आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए)
5. चरमपंथ प्रभावित जिलों पर विशेष फोकस के साथ सुरक्षा संबंधी विषय
नीति गवर्निंग काउंसिल :
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में भारत के प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल तथा विशेष आमंत्रित होते हैं। नीति आयोग का कार्य राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों तथा रणनीतियों के साझा विजन को राज्यों की सक्रिय भागीदार के साथ विकसित करना है।
नीति गवर्निंग काउंसिल की बैठकें तथा उनके परिणाम:
गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक 8 फरवरी, 2015 को हुई थी, जिसमें प्रधानमंत्री ने सहकारी संघवाद को प्रोत्साहित करने तथा राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विषयों के समाधान जैसे नीति आयोग के कार्यों का निर्धारण किया था। गवर्निंग काउंसिल की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी। तीसरे बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई, जिसमें रणनीति और विजन दस्तावेजों के माध्यम से देश के विकास कार्यक्रम को आकार देने में मील के पत्थर निर्धारित किए गए। गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उठाए गए कदमों तथा आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और मिशन इंद्रधनुष जैसी अग्रणी योजनाओं के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा की गई।
नीति आयोग निरंतर रूप से राज्यों के साथ ढांचागत व्यवस्था बनाकर सहकारी संघवाद को प्रोत्साहित करता है और इस तथ्य को मान्यता देता है कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सिद्धांतों पर मजबूत राज्य, मजबूत देश बनाते हैं। नीति आयोग रणनीतिक, दीर्घकालिक नीति तथा कार्यक्रमों को तैयार करता है और उन्हें लागू करने में सहायता देता है।
गवर्निंग काउंसिल एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम को तेजी से लागू करने में अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विकास और संघीय विषयों पर विचार-विमर्श का मंच प्रदान करता है।