पटना । नरेंद्र मोदी सरकार पार्ट 2 में जेडीयू के एक भी मंत्री नहीं होने के बाद आज बिहार में सियासी बदलाव का सुपर संडे साबित हुआ। मोदी सरकार में जेडीयू के एक भी मंत्री शामिल नहीं होने के बाद नीतीश कुमार ने आज मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 8 नए मंत्री बनाएं। जिसमें भाजपा और लोजपा को कोई जगह नहीं मिली। जिसके बाद मोदी सरकार से जेडीयू की सियासी दूरी के मायने निकाले जा रहे हैं। बिहार मंत्रिमंडल विस्तार में आठ नए मंत्री शामिल किए किए गए जिन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली। बिहार में इस वक्त 25 मंत्री हैं और मंत्री बनाए जाने की अधिकतम सीमा 36 है। मतलब 11 मंत्री पद फिलहाल खाली थे जिनमें से आठ मंत्री बनाए जाने के बाद 3 शेष हैं।
नीतीश के नए मंत्री-
संजय झा
अशोक चौधरी
श्याम रजक
नीरज कुमार
नरेंद्र नारायण यादव
लक्ष्मेश्वर राय
रामसेवक सिंह
बीमा भारती
नीतीश कुमार मंत्रीमंडल विस्तार के कदम को सूबे के सियासी समीकरण को साधने की कवायद के रुप में देखा जा सकता है। नीतीश के मन में क्या चल रहा है ये किसी को नहीं पता क्योंकि उनकी राजनीति भी हमेशा चौंकाने वाली होती है। हालांकि भाजपा ने मंत्रीमंडल विस्तार को जेडीयू का अधिकार बताया है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस बारे में कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह किसे मंत्री बनाएं और किसे नहीं।
दूसरी तरफ बिहार में मंत्रीमंडल विस्तार के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का बड़ा बयान सामने आया है। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ कोई कन्फ्यूजन नहीं है। मंत्रीमंडल विस्तार पर पार्टी ने तय किया इस बार विस्तार में भारतीय जनता पार्टी शामिल नहीं होगी। मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने भाजपा कोटे के मंत्रियों कर रिक्तियां भरने की पेशकश की थी। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने फिलहाल इसे टाल दिया है। आज सुबह जनता दल (युनाइटेड) के कई विधायकों के सांसद बन जाने के बाद खाली हुए मंत्री पद भरने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंत्रिमंडल का विस्तार किया। मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी जेडीयू के 8 विधायकों को मंत्री बनाया। इनमें नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, बीमा भारती, संजय झा, रामसेवक सिंह, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय के नाम शामिल हैं।
नीतीश सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार में जदयू की सहयोगी भाजपा और लोजपा को जगह नहीं मिलने के बाद राजग में आपसी खटास के रुप में देखा जा रहा था। गौरतलब है कि मोदी सरकार के नए कैबिनेट में जदयू को कोई भी मंत्रीपद नहीं मिला था। नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार में सांकेतिक भागीदारी के बजाए पार्टियों को अनुपात के हिसाब से मंत्रिमंडल में भागीदारी मिलने की बात कही थी।