नई दिल्ली। आतंकी मसूद अजहर के मामले में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच में बातचीत शुरू करने का राग अलापने लगे हैं । माना जा रहा है कि चीन द्वारा अजहर के मामले में पाकिस्तान का साथ छोड़ देने के बाद विश्व के बड़े देशों की नजरों में खुद की छवि सुधारने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अब बातचीत का ऑफर देते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है ।
चर्चा यह है कि इसके पीछे इमरान की मंशा साफ हो या नहीं , भारत के सामने यह ऑफर रखकर आने वाले समय में पाकिस्तान पर पड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने की कोशिश कर रहे हैं । हालांकि या बहुत कुछ निर्भर करेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके इस पत्र को कितनी तवज्जो देते हैं । अब तक के चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी के भाषण के शब्दों से यह स्पष्ट हो रहा है कि अगर मोदी की सरकार बनती है तो हाल फिलहाल पाकिस्तान के साथ उनका रवैया और सख्त होने वाला है ।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लोकसभा चुनाव के बीच बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर सहित अन्य मुद्दों को हल करने के लिए भारत-पाकिस्तान की बातचीत को शुरू करना जरूरी है।
इमरान ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी पाकिस्तान को लेकर कही बात के बाद खत भेजा है। जिसमें उन्होंने 23 मार्च को पाकिस्तान राष्ट्रीय दिवस के मौके पर पाकिस्तान के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि अब पाकिस्तान के लोगों के लिए समय आ गया है कि वह “आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण” में एक प्रगतिशील, लोकतांत्रिक और समृद्ध क्षेत्र के लिए काम करें।
हालांकि इमरान ने पाकिस्तान में पसरे आतंकवाद को लेकर कुछ नहीं कहा लेकिन वह कश्मीर का नाम लेना भी नहीं भूले। इससे पहले उन्होंने सितंबर 2018 को भेजे अपने खत में यूएनजीए (संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली) में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत का प्रस्ताव रखा था।
दूसरी तरफ भारत अब पाकिस्तान की ओर से आतंकी अजहर मसूद के खिलाफ होने वाली कार्रवाई की तरफ है। भारत सहित दुनिया के अन्य देशों की नजरें भी अब पाकिस्तान सरकार पर टिकी हुई है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान परस्त आतंकी अजहर मसूद को अब अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया है। इससे पाकिस्तान पर भारी दबाव है कि वह उक्त आतंकी को पनाह देना बंद करें साथ ही उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करें। हालांकि भारत उसे सौंपने की मांग करता रहा है लेकिन पाकिस्तान अब तक इस बात से इंकार ही नहीं कर रहा था बल्कि अजहर मसूद को पूरा संरक्षण दे रहा था । लेकिन अब चीन ने इस मामले में उसका साथ छोड़ दिया है और यही कारण रहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आतंकी अजहर मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने वाले 3 देशों के प्रस्ताव को पारित किया जा सका ।
अब पाकिस्तान पशोपेश में है कि उक्त आतंकी के खिलाफ क्या कार्रवाई करें। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को दिखाने के लिए उनके पास अब कोई चारा नहीं है कि वह अजहर मसूद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें । अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर भारत के पास आत्म सुरक्षा की दृष्टि से अब एक और हथियार मिल गया है कि ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ सैनिक कार्रवाई करें ।
कूटनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपना वीटो हटाने के बदले चीन भारत से यह आश्वासन मांग रहा था कि अजहर मसूद को आतंकी घोषित करने के बाद वह पाकिस्तान के अंदर घुसकर सैनिक कार्रवाई नहीं करेगा । लेकिन भारतीय राजनयिकों ने चीन के इस प्रस्ताव को पूरी तरह ठुकरा दिया और कहा कि आत्म सुरक्षा का अधिकार हमारा अधिकार है और हम इसे कतई समझौता नहीं कर सकते। अंततः चीन को विश्व पटल पर अपनी छवि सुधारने की दृष्टि से वीटो लगाने की अपनी मंशा को वापस लेना पड़ा।