गरीबों व जरूरतमंदों के भोजन की चिंता ही‘अंत्योदय’ :  उमेश अग्रवाल  

Font Size
गुरुग्राम। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी और विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराना बड़ी समाजसेवा है। वे सोमवार को जैकबपुरा स्थित गर्ल्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल के पास फरिश्ते फूड बैंक द्वारा मात्र पांच रुपए में खाना उपलब्ध कराने की मिशन के महत्वपूर्ण एक साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकारियों और मौके पर उपस्थित सम्मानित नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।

विधायक उमेश अग्रवाल ने फरिश्ते फूड बैंक संस्था के पदाधिकारियों और उनके सहयोगियों को बधाई देते हुए कहा कि विगत एक साल से बिना किसी रूकावट के जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराना असाधारण कार्य है। इस तरह के समाजसेवा को निरंतर जारी रखने में कई प्रकार की परेशानी सामने आती है। उन्होंने कहा, हर प्रकार की कठिनाइयों से पार पाते हुए अर्थाभाव में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, इसकी चिंता करना और इसे पूरा करने का समर्पण भाव ही सही मायने में अंत्योदय भाव यानी समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे व्यक्ति के उत्थान की ओर प्रभावी कदम बढ़ाना है।

विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि समाजसेवा का लक्ष्य जन भागीदारी से हमेशा आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा, उनकी इच्छा है कि हम सभी के सहयोग से फरिश्ते फूड बैंक रेलवे स्टेशन, पटौदी चौक, अग्रवाल धर्मशाला जैसे स्थानों पर भी स्टॉल लगाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।

इस मौके पर फरिश्ते ग्रुप के चेयकमैन पंकज वर्मा और फरिश्ते फूड बैंक के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि उनकी संस्था समाजसेवा के कई अन्य क्षेत्रों में भी काम कर रही है। फूड बैंक की स्थापना सबको भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की ओर बढ़ा कदम है। यह महत्ती कार्य जन सहयोग से चल रहा है। उन्होंने कहा, पांच रुपए टोकन मनी लेने के पीछे मात्र उद्देश्य यह है कि लोग अन्न की कीमत समझें और उसे बर्बाद न कर सकें। इस दौरान उन्होंने विधायक उमेश अग्रवाल से मिल रहे सहयोग की भूरि-भूरि प्रशंसा की और उनका आभार जताया।

इस मौके पर फरिश्ते फूड बैंक के संरक्षक योगाचार्य गुरुजी डॉ. के.एल. गर्ग, संरक्षक अरूण जैन, रोशन लाल, मुख्य सेवा सचिव बालकिशन, राम निवास सिंगला, कोषाध्यक्ष दीपक जैन, संगठन सचिव रवि बंसल, प्रचार सचिव विपिन गुप्ता, गिरीश सिंगला, हंसराज गुप्ता, अरूण गोयल, राजकुमार अग्रवाल आदि मौजूद थे।

You cannot copy content of this page