लखनऊ में महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा
प्रत्याशी का फोटो उसका चुनाव चिन्ह होगा
पार्टीतंत्र को स्थापित करनें वाले चुनाव चिन्हों का बहिष्कार होगा
लखनऊ : राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी की महिला ब्रिगेड अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता संगीता सिंह लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. संगीता सिंह पिछले कई वर्षों से सामाजिक कार्यों में सक्रीय हैं और समाज के अंतिम आदमी के लिए ख़ास तौर से काम करती रही हैं. यह जानकारी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चन्द्रा नें दी.
अध्यक्ष प्रताप चन्द्रा नें कहा कि पार्टियाँ महिलाओं को प्रत्याशी बनानें में परहेज करती हैं जबकि उन्हें राजनैतिक न्याय देनें के लिए आधी सीटें आरक्षित होनी चाहिये | राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें राजधानी लखनऊ में महिला प्रत्याशी उतार कर अन्य पार्टियों को भी महिला प्रत्याशी उतारनें की नजीर पेश की है |
खास बात यह है कि राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी नें चुनाव चिन्ह नहीं लिया है . उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह प्रत्याशी की फोटो होगी | देश में पहली बार लोकतंत्र के माडल को प्रस्तुत करते हुए प्रत्याशी अपनी फोटो पर ही चुनाव लड़ेंगे | उनका कहना है कि आरक्षित चुनाव चिन्हों नें लोकतंत्र का अपहरण कर पार्टीतंत्र स्थापित कर दिया है. इसीलिए पार्टियाँ टिकट यानि चुनाव चिन्हों की नीलामी करती हैं और जनप्रतिनिधि की जवाबदेही दल के प्रति हो जाती है और वह जनहित के बजाय दलहित में काम करनें लगता है |
राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी ने कहा है कि लोकतंत्र के माडल के तहत चुनाव लड़ेंगे.
पार्टी ने “लोकतंत्र का माडल” के रूप में 5 बिंदु प्रस्तुत किया है :
1- EVM मशीन पर लगी प्रत्याशी की फोटो ही उसका चुनाव-चिन्ह होगा जिससे जनता के प्रति जवाबदेह रहे न कि पार्टी के प्रति |
2- पार्टी व्हिप जारी नहीं करेगी जिससे जीता हुआ जनप्रतिनिधि, दलप्रतिनिधि न बन जाये पार्टी का गुलाम न बन सके |
3- जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद सिर्फ १ पेंशन का ही हक़दार होगा (अभी जितनी बार जीतेगा उतनें पेंशन पाता है)
4- प्रतिनिधि का चुनाव के समय घोषित संपत्ति एक जायज अनुपात से अधिक बढती है तो उसे राष्ट्र कि संपत्ति घोषित कर दी जाये |
5- चुने जाने के बाद जनप्रतिनिधि पार्टी का पधाधिकारी नहीं रहेगा और पार्टी हेतु प्रचार नहीं करेगा |