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गुरूग्राम। आगामी लोकसभा चुनाव में मैडिकल आधार पर चुनाव ड्यूटी कटवाना इस बार कठिन होगा। गुरूग्राम के जिला निर्वाचन अधिकारी एंव उपायुक्त अमित खत्री ने जिला के सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि चुनाव ड्यूटी में लगाए गए किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को 27 मई तक मैडिकल आधार पर अवकाश अथवा रैस्ट केवल अति आवश्यक होने पर ही रिक्मेंड किया जाए।
अपने पत्र में उपायुक्त ने कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार गुरूग्राम सहित हरियाणा प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 12 मई को होगा और मतगणना 23 मई को होगी। चुनाव का कार्य अति महत्वपूर्ण एवं समयबद्ध होता है जिसे संपन्न करवाने के लिए जिला में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग की जरूरत होती है। मतदान करवाने के लिए मतदान केन्द्रों पर काफी संख्या में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है परंतु प्रायः यह देखने में आया है कि कुछ अधिकारी अथवा कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से कतराते हैं और वे किसी साधारण से चिकित्सक के प्रमाण पत्र पर छुट्टी लेकर चुनाव ड्यूटी से नाम कटवाने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधीन सभी चिकित्सा अधिकारियों को ये आदेश जारी करें कि वे राज्य सरकार अथवा कारपोरेशन अथवा केन्द्र सरकार के अधिकारियों या कर्मचारियों को 27 मई तक मैडिकल आधार पर अवकाश केवल अति आवश्यक हो तभी रिकमेंड करें। उपायुक्त ने कहा है कि जहां तक संभव हो इस अवकाश के लिए प्रमाण पत्र केवल सिविल सर्जन द्वारा ही जारी किया जाए क्यांेकि चुनाव की ड्यूटी से बचने के लिए कई अधिकारी या कर्मचारी इस सुविधा का नाजायज लाभ उठाने की चेष्टा कर सकते हैं।
उपायुक्त द्वारा सिविल सर्जन को ये हिदायत दिए जाने के बाद लोकसभा चुनाव में लगाए जाने वाले स्टाफ व अधिकारियों के लिए मैडिकल आधार पर अपनी ड्यूटी कटवाना असंभव प्रतीत होता है। मैडिकल आधार पर रैस्ट अथवा अवकाश रिकमेंड करने के लिए सिविल सर्जन को ही अधिकृत करने से यह माना जा रहा है कि केवल जायज और जरूरतमंद व्यक्तियों का ही रैस्ट रिकमेंड होगा। इससे बीमार होने का बहाना बनाकर ड्यूटी कटवाने की फिराक में रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को कठिनाई आएगी और उन्हें ड्यूटी देनी ही पड़ेगी। चुनाव ड्यूटी से इस बार बचना मुश्किल है।