पीएम मोदी 160 रैलियों को करेंगे संबोधित

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– 25 मार्च से हर रोज चुनाव प्रचार करेंगे

– वॉर रूम में रहेंगे अरुण जेटली

सुभाष चौधरी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने अपने 184 प्रत्याशियों की सूची जारी करने के साथ साथ अपने सुपरस्टार प्रचारक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभाओं का खाका भी तैयार कर लिया है । इससे स्पष्ट हो रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी 25 मार्च से लेकर चुनाव के अंतिम दिन के प्रचार तक लगातार 40 दिनों तक चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। अगर औसतन 2 से 3 सभाओं को उन्होंने प्रतिदिन संबोधित किया तो कुल मिलाकर 150 से अधिक सभा को संबोधित करेंगे और भाजपा के प्रत्याशियों को जिताने की अपील करेंगे ।

हालांकि उनका देश के विभिन्न राज्यों का दौरा पिछले एक माह में सघन रहा है लेकिन अब लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संघिता के दायरे में रहकर प्रचार करना होगा।

देश में होली खत्म हो गई है और अब चुनाव का रंग चढ़ने लगा है । जाहिर है इसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच अपने अपने वादे आरोप-प्रत्यारोप और विकास की योजनाओं संबंधी रंग फेंकने की पुरजोर कोशिश होगी। भाजपा कमल के रंग में देश को रंगना चाहेगी जबकि कांग्रेस अपने हाथ मजबूत करने का प्रयास करेगी। आज से लेकर 23 मई तक चुनाव के रंग में पूरा देश रंगा रहेगा।

हालांकि चुनाव प्रचार की शुरुआत पीएम मोदी ने काफी पहले कर दी थी, लेकिन 25 मार्च के बाद से पूरी रणनीति के साथ वो लोगों के बीच जाएंगे। इसके लिए उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ पूरा प्लान तैयार कर लिया है।

अब तक भी देश के प्रधानमंत्री के रूप में लोगों को संबोधित करने और केंद्र सरकार एवं अलग अलग राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करने या फिर उसका उद्घाटन करने जाते थे तब उनका संबोधन कुछ और होता था। लेकिन अब जबकि लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है आचार संगीता भी लागू है तब उन्हें अपने भाषण में शब्दों के चयन पर खास ध्यान रखना होगा। साथ ही जिन विषयों को वह चुनाव प्रचार के दौरान उठाएंगे उनको लेकर भी उन्हें बेहद सावधान व संवेदनशील रहना पड़ेगा । एक तरफ कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियां उन पर हमले तेज कर रही हैं तो दूसरी तरफ उन्हें उनके इन हमलों को कुंद करने के लिए माकूल जवाब भी देने होंगे।

प्रधानमंत्री को अपने 5 वर्ष के कार्यकाल का ब्यौरा भी लोगों के सामने प्रस्तुत करना होगा जबकि पिछली यूपीए कि 10 वर्षों की सरकारों के परफॉर्मेंस का तुलनात्मक ध्यान भी कराना होगा। हालांकि विपक्ष लगातार इस बात को स्थापित करने में लगा हुआ है कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार की संभावनाएं कमजोर स्थिति में पहुंची लेकिन मोदी सरकार के सभी मंत्री भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित स्वयं पीएम मोदी भी इस परसेप्शन को जनता के मानस पटल पर आच्छादित नहीं होने देने की जुगत में लगे हुए हैं। अब आने वाला लगभग डेढ़ माह यह तय करेगा की जनता के विचारों को कौन अधिक से अधिक प्रभावित करने में सफल होता है और उनकी उंगलियों को ईवीएम के बटन पर सबसे अधिक आकर्षित करने में कौन सफल होता है।

जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 25 मार्च से लेकर मई के पहले हफ्ते तक लगभग 40 दिन तक रोज चुनाव प्रचार करेंगे। मोदी अलग-अलग राज्यों में हर रोज़ तीन से चार रैलियों को संबोधित करेंगे और आखिरी एक रैली उस राज्य की राजधानी में होगी जहां नजदीक में चुनाव होंगे। इस हिसाब से पीएम मोदी की 40 दिनों में 160 रैलियां होनी तय है ।

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