देश में निर्यात और आयात दोनों में 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि

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नई दिल्ली : भारत से अप्रैल-फरवरी, 2018-19में 483.98 अरब अमेरिकी डॉलर का समग्र निर्यात (वाणिज्यिक एवं सेवाएं) होने का अनुमान लगाया गया है. यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 8.73 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। इसी तरह अप्रैल-फरवरी, 2018-19* के दौरान 577.31 अरब अमेरिकी डॉलर का समग्र आयात होने का अनुमान लगाया गया है,. यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाता है।

देश में निर्यात और आयात दोनों में 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि 2

सेवा क्षेत्र से जुड़ा डेटा अप्रैल-जनवरी 2018-19 से संबंधित है क्‍योंकि आरबीआई की ओर से 15 मार्च, 2019 को दी गयी जानकारी के अनुसार नवीनतम डेटा जनवरी, 2019 के लिए उपलब्ध है। अक्‍टूबर से जनवरी 2018-19 के लिए आरबीआई की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार मासिकवार त्‍वरित अनुमान डेटा के साथ वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही और दूसरी तिमाही के लि‍ए आरबीआई के तिमाही आंकड़ों को जोड़ने पर यह डेटा सामने आया है। यह डेटा अनंतिम है और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संशोधन करने पर इसमें बदलाव हो सकता है। इसके अलावा, यह भी ध्‍यान देने योग्‍य है कि फरवरी 2019 के आंकड़े अनुमानित हैं और इन्हें आरबीआई के अप्रैल-जनवरी 2018-19 के डेटा में जोड़ा गया है, ताकि अप्रैल-फरवरी 2018-19 के लिए कुल या समग्र व्यापार घाटे का आकलन हो सके। आरबीआई द्वारा फरवरी, 2019 के लिए जारी की जाने वाली अगली प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर इसमें संशोधन किया जाएगा।

 

वाणिज्यिक निर्यात

निर्यात (पुनर्निर्यात सहित)

फरवरी, 2019 में 26.67 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ जो फरवरी 2018 में हुए निर्यात की तुलना में 2.44 प्रतिशत की धनात्मक वृद्धि को दर्शाता है। रुपये के लिहाज से फरवरी, 2019 में निर्यात 1,89,931.49 करोड़ रुपये का हुआ जो फरवरी, 2018 के मुकाबले 13.34 प्रतिशत की बढ़ोतरी को रेखांकित करता है।

फरवरी, 2019 में जिन प्रमुख जिंस समूहों के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में धनात्मक वृद्धि दर्ज की गई है उनमें निम्नलिखित शामिल हैं-

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अप्रैल-फरवरी, 2018-19 के दौरान कुल निर्यात 289.47 अरब अमेरिकी डॉलर (20,88,290.52 करोड़ रुपये) का हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में डॉलर के लिहाज से 8.85 प्रतिशत और रुपये के लिहाज से 18.26 प्रतिशत अधिक है।

फरवरी, 2019 में गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न व जेवरात निर्यात 19.87 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो फरवरी, 2018 की तुलना में 5.14 प्रतिशत की धनात्मक वृद्धि को दर्शाता है। इसी तरह अप्रैल-फरवरी, 2018-19 में गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न व जेवरात निर्यात 217.43 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो अप्रैल-फरवरी, 2017-18 की तुलना में 7.66 प्रतिशत अधिक है।

 

आयात

फरवरी, 2019 में 36.26 अरब अमेरिकी डॉलर (2,58,271.75 करोड़ रुपये) का आयात हुआ, जो फरवरी, 2018 के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 5.41 प्रतिशत कम है, जबकि रुपये के लिहाज से 4.66 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-फरवरी, 2018-19 में कुल आयात 464.00 अरब अमेरिकी डॉलर (32,46,190.43 करोड़ रुपये) का हुआ, जो अप्रैल-फरवरी, 2017-18 के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 9.75 प्रतिशत और रुपये की दृष्टि से 19.23 प्रतिशत अधिक है।

फरवरी, 2019 में जिन प्रमुख जिंस समूहों के आयात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है उनमें निम्नलिखित शामिल हैं-

 

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कच्चे तेल एवं गैर-तेल आयातः

फरवरी, 2019 में तेल आयात 9.38 अरब अमेरिकी डॉलर (66,774.46 करोड़ रुपये) का हुआ, जो फरवरी, 2018 के मुकाबले डॉलर के लिहाज से 8.05 प्रतिशत कम है, जबकि रुपये के लिहाज से 1.73 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह अप्रैल-फरवरी, 2018-19 में तेल आयात 128.72 अरब अमेरिकी डॉलर (9,01,538.30 करोड़ रुपये) का हुआ, जो अप्रैल-फरवरी, 2017-18 में हुए तेल आयात की तुलना में डॉलर के लिहाज से 31.98 प्रतिशत और रुपये के लिहाज से 43.57 प्रतिशत ज्यादा है।

इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि फरवरी, 2018 के मुकाबले फरवरी, 2019 में ब्रेंट के वैश्विक मूल्य (डॉलर प्रति बैरल) में 1.97 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। यह जानकारी विश्व बैंक से प्राप्त आंकड़ों से मिली है।

फरवरी, 2019 में 26.89 अरब अमेरिकी डॉलर (1,91,497.29 करोड़ रुपये) का गैर-तेल आयात होने का अनुमान लगाया गया है, जो डॉलर के लिहाज से 4.45 प्रतिशत कम है, जबकि रुपये के लिहाज से 5.72 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह अप्रैल-फरवरी, 2018-19 में गैर-तेल आयात 335.28 अरब अमेरिकी डॉलर (23,44,652.13 करोड़ रुपये) का हुआ, जो अप्रैल-फरवरी, 2017-18 में हुए गैर-तेल आयात की तुलना में डॉलर की दृष्टि से 3.09 प्रतिशत और रुपये की दृष्टि से 11.94 प्रतिशत अधिक है।

फरवरी, 2019 में गैर-तेल और गैर-स्वर्ण आयात 24.30 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो फरवरी, 2018 की तुलना में 3.72 प्रतिशत कम है। इसी तरह अप्रैल-फरवरी, 2018-19 में गैर-तेल और गैर-स्वर्ण आयात 305.73 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो अप्रैल-फरवरी, 2017-18 की तुलना में 3.97 प्रतिशत ज्यादा है।

 

सेवाओं का व्यापार (जनवरी, 2019 के लिएआरबीआई की 15 मार्च, 2019 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार)

 

निर्यात (प्राप्तियां)

जनवरी, 2019 में निर्यात 17.75 अरब अमेरिकी डॉलर (1,25,515.53 करोड़ रुपये) का हुआ, जो दिसम्‍बर 2018 की तुलना में डॉलर के लिहाज से 1.02 प्रतिशत की ऋणात्मक वृद्धि को दर्शाता है (संबंधित महीनों के लिए आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार)।

 

आयात (भुगतान)

जनवरी, 2019 में आयात 11.03 अरब अमेरिकी डॉलर (77,997.17 करोड़ रुपये) का हुआ, जो दिसम्‍बर 2018 की तुलना में डॉलर के लिहाज से 3.07 प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि को दर्शाता है (संबंधित महीनों के लिए आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार)।

 

व्यापार संतुलन

वाणिज्यिकः फरवरी, 2019 में व्यापार घाटा 9.60 अरब अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि फरवरी 2018 में व्यापार घाटा 12.30 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ था।

 

सेवाएं : आरबीआई की 15 मार्च, 2019 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जनवरी, 2019 के दौरान सेवाओं में व्यापार संतुलन (अर्थात शुद्ध सेवा निर्यात) 6.72 अरब अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है।

 

समग्र व्यापार संतुलनः वाणिज्यिक एवं सेवाओं दोनों को ही मिलाने पर अप्रैल-फरवरी, 2018-19* में कुल 93.32 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि अप्रैल-फरवरी, 2017-18 में व्यापार घाटा 82.46 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ था।

 

* नोटः सेवा क्षेत्र से जुड़ा डेटा अप्रैल-जनवरी 2018-19 से संबंधित है क्‍योंकि आरबीआई की 15 मार्च, 2019 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नवीनतम डेटा जनवरी, 2019 के लिए उपलब्ध है। अक्‍टूबर से जनवरी 2018-19 के लिए आरबीआई की प्रेस विज्ञप्ति के मासिकवार त्‍वरित अनुमान डेटा के साथ वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही और दूसरी तिमाही के लि‍ए आरबीआई के तिमाही आंकड़ों को जोड़ने पर यह डेटा सामने आया है। यह डेटा अनंतिम है और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इसमें संशोधन किया जा सकता है। इसके अलावा, यह भी ध्‍यान देने योग्‍य है कि फरवरी 2019 के आंकड़े अनुमानित हैं और इन्हें आरबीआई के अप्रैल-जनवरी 2018-19 के डेटा में जोड़ा गया है, ताकि अप्रैल-फरवरी 2018-19 के लिए कुल या समग्र व्यापार घाटे का आकलन हो सके। आरबीआई द्वारा फरवरी, 2019 के लिए जारी की जाने वाली अगली प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर इसमें संशोधन किया जाएगा।

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