दिल्ली में केजरीवाल व राहुल का ड्रामा

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पुलिस ने नहीं मिलने दिया

नई दिल्ली : देश की राजधानी कथित रूप से वन रैंक, वन पेंशन के मुद्दे पर आत्महत्या करने वाले एक पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिवार के सदस्यों से मिलने को लेकर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी का हाई वोल्टेज ड्रामा देर रत तक चलता रहा. पीड़ित परिवार से मिलने की कोशिश के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दिल्ली पुलिस ने दोबारा हिरासत में ले लिया. राहुल के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया व दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन सहित कांग्रेस के कई नेता थे जिन्हें पुलिस वैन में बैठा कर थाने ले जाया गया. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.इससे पूर्व दिली के मुख्यमंत्री केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी हिरासत में लिया गया था. 

राहुल ने क्या कहा ?

पुलिस से छूटने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह बेहद दुख की बात कि इस परिवार को पूरा दिन बंद कर रखा गया. मैंने उस परिवार से मिलने की कोशिश की. दुख की इस घड़ी में उनसे दो मिनट मिलकर बताना चाहता था, कि मैं उनके साथ हूं. मैंने वहां पुलिसवालों से कहा कि उनके परिवार से मिलने दीजिए… इस परिवार के साथ जो हुआ, वह गलत हुआ. उन्होंने कहा कि कम से कम सरकार को इस पूर्व सैनिक के परिवार से माफी मांगनी चाहिए.

अरविंद केजरीवाल भी हिरासत में 

दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ग्रेवाल के परिजनों से मिलने की कोशिश की. उन्हें भी  हिरासत में ले लिया गया. पुलिस उन्हें लेडी हार्डिंग अस्पताल से अपने साथ आर के पुरम थाने लेकर गई. करीब पांच घंटे के बाद देर रात उन्हें रिहा किया गया. केजरीवाल ने कहा कि उन्हें ग्रेवाल के परिजनों से मिलने से रोका जा रहा है. केजरीवाल ने यह कहते हुए सवाल किया क्या मैं बंदूक से लैस हूं ? मुझे पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने से कैसे रोका जा सकता है.

मनीष सिसोदिया भी गए थे अस्पताल 

इससे पहले राहुल गांधी और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आरएमएल अस्पताल में प्रवेश करने की कोशिश की. उन्हें भी उस समय ही हिरासत में लिया गया, जब वे ग्रेवाल के परिवार से मिलने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को अस्पताल परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी . उन्होंने बार-बार प्रवेश करने का प्रयास किया, तो वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. इससे तिलमिलाए राहुल ने संवाददाताओं से कहा कि क्या लोकतंत्र इस तरह से काम करता है ?

स्वास्थ्य सेवाओं को बाधा 

इधर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एम के मीणा का कहना था कि वे स्वास्थ्य सेवाओं में अवरोध पैदा नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा की हम दिल्ली के अस्पतालों में किसी तरह की राजनीति नहीं होने देंगे. उन्होंने इस बात पर बल दिया की लोकतंत्र का मतलब स्वास्थ्य सेवाओं को बाधा पहुंचाना नहीं है. राहुल गांधी को मंदिर मार्ग थाने में हिरासत में रखा गया था और बाद में रिहा कर दिया गया था. इससे पहले सिसोदिया ने भी अस्पताल परिसर में प्रवेश किया और मृतक के परिजनों से मिलने की कोशिश की. उन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

 

परिजनों ने दावा किया है की मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ रक्षामंत्री से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने ज़हर खा लिया. परिजनों ने बताय्या है की जो ज्ञापन उनके पिता अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री को देने जा रहे थे उसी पर उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया.

बताया जाता है की रामकिशन ने मरने से पहले एक नोट लिखा है जिसमे उन्होंने लिखा कि मैं मेरे देश के लिए, मेरी मातृभूमि के लिए और मेरे देश के वीर जवानों के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने जा रहा हूं.

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