प्रयागराज। कुम्भ मेले के सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर सोमवार सुबह 10 बजे तक डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने यहां गंगा और संगम में डुबकी लगाई।
कुम्भ के लिए स्थापित समेकित कमान केन्द्र के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार शाम 6 बजे तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया था। वहीं रविवार मध्यरात्रि में मौनी अमावस्या के आरंभ से लेकर सोमवार सुबह 10 बजे तक डेढ़ करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सोमवती अमावस्या होने की वजह से स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रात से ही मेला क्षेत्र में डटे हुए हैं और चारों दिशाओं से स्नानार्थियों का आना जारी है।
सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए एनडीआरएफ और एटीएस के आला अधिकारी स्वयं मेला क्षेत्र में मौजूद हैं।
आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) के महानिरीक्षक असीम अरुण ने बताया कि एटीएस की दो टीमें सात स्थानों पर तैनात हैं। इन दलों में आठ महिला कमांडो भी शामिल हैं। एक टीम के कमांडो दो मोटर बोट्स पर भी तैनात हैं।
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट असीम उपाध्याय ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में एनडीआरएफ की कुल 12 टीमें लगाई गई हैं। प्रत्येक टीम में 45-50 कर्मी हैं। दो टीमें प्रयागराज नगर में लगाई गई हैं जबकि नौ टीमें घाट पर लगाई गई हैं। एक टीम रिजर्व में रखी गई है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, संवेदनशील घाटों पर 55 गोताखोर लगाए गए हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित हैं। साथ ही घाटों और नदी में एनडीआरएफ के 70 मोटर बोट भी परिचालन में हैं। एक वाटर एंबुलेंस भी चल रही है। वहीं प्रत्येक घाट पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं जहां प्राथमिक उपचार के लिए पर्याप्त दवाएं आदि उपलब्ध हैं।
उपाध्याय ने बताया कि अभी तक कहीं से कोई अप्रिय सूचना नहीं है।
इस बीच, मौनी अमावस्या पर भोर से ही अखाड़ों के नागा साधु सन्यासियों का शाही स्नान जारी है। सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री पंचायती अटल अखाड़ा के साधु संतों ने सुबह सवा पांच बजे संगम नोट पर बने घाट पर शाही स्नान किया।
इसके बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा के साधु संतों ने शाही स्नान किया। क्रम में तीसरे नंबर पर पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा के साधु संतों ने सुबह आठ बजे शाही स्नान किया।
जूना अखाड़ा में नागा साधुओं की संख्या लगभग 8,000-10,000 थी और उनके जुलूस को देखकर ऐसा लग रहा था कि देशभर के नागा साधु सन्यासी सोमवती अमावस्या का शाही स्नान करने को प्रयागराज की धरती पर उतर आए हैं। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने भी शाही स्नान किया।
कुम्भ मेले के दूसरे शाही स्नान पर भी हेलीकॉप्टर से नागा साधु सन्यासियों से पुष्प वर्षा की गई। इससे पहले मकर संक्रांति को हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए थे।
अग्नि अखाड़ा के बाद किन्नर अखाड़ा का अमृत स्नान लोगों का आकर्षण का केंद्र रहा और श्रद्धालु किन्नर सन्यासियों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके रथ की ओर भागते नजर आए। किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अपने अखाड़े की अगुवाई कर रही थीं।