दुबई। 2019 लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा द्वारा शनिवार को कांग्रेस को साथ लिये बगैर ही आपस में गठजोड़ करने की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी ‘पूरी क्षमता’ के साथ राज्य में चुनाव लड़ेगी और अपनी विचारधारा पर अडिग रहेगी। गांधी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके मन में इन दोनों दलों के नेताओं के प्रति ‘बड़ा सम्मान’ है और ‘वे जो भी चाहें, उन्हें वह करने का हक है।’ उन्होंने कहा, ‘‘बसपा और सपा को गठबंधन करने का पूरा हक है। मैं सोचता हूं कि कांग्रेस पार्टी के पास उत्तर प्रदेश के लोगों को पेशकश करने के लिए काफी कुछ है, इसलिए हम कांग्रेस पार्टी के तौर पर यथासंभव प्रयास करेंगे। हम अपनी विचारधारा के प्रसार के लिए पूरी क्षमता के साथ लड़ेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ बसपा और सपा ने राजनीतिक निर्णय लिया है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम कैसे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करते हैं। हम पूरी क्षमता के साथ लड़ेंगे।’’
कभी एक दूसरे की कट्टर विरोधी रही समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में आपस में गठबंधन करने की शनिवार को घोषणा की। उन्होंने कांग्रेस को गठबंधन से दूर रखा है। बसपा और सपा उत्तर प्रदेश में 38 -38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि बसपा और सपा ने कहा कि वे अमेठी और रायबरेली में उम्मीदवार नहीं उतारेंगी। अमेठी का प्रतिनिधित्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रायबरेली का प्रतिनिधित्व संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को लेकर उनकी कथित ‘महिला विरोधी’ टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर जिसके लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है, गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी को 30000 करोड़ रुपये चुराने में मदद की और लोकसभा ऐसी जगह है जहां उन्हें अपना बचाव करना चाहिए था लेकिन उन्होंने एक अन्य इंसान को भेजना पसंद किया और वह इंसान महिला थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि वह पुरुष भी होता तो भी मैं वही टिप्पणी करता। मुझ पर अपनी लैंगिक भेदभाव की मनोवृति मत थोपो। मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं कि प्रधानमंत्री को अपना बचाव रखना चाहिए था लेकिन उनमें साहस नहीं था।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अबतक इस बात का जवाब नहीं मिला कि क्या रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के राफेल सौदे को ‘‘बायपास’’ करने पर ऐतराज किया था। सीतारमण लोकसभा में प्रधानमंत्री की ओर से बोली थीं तथा कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए राफेल सौदे का बचाव किया था। इस पर गांधी ने बुधवार को जयपुर में एक रैली में कहा था कि मोदी को राफेल सौदे पर संसद में अपना बचाव करने के लिए एक महिला को आगे करना पड़ा। गांधी ने बढ़ती असहिष्णुता को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए दुबई में कहा कि संयुक्त अरब अमीरात की तरह भारत भी सहिष्णुता में यकीन करता है ‘लेकिन भारत में थोड़ा भटकाव हो रहा है, जहां भाजपा बहुत आक्रामक, असहिष्णु है और हमारे संस्थानों पर हमले कर रही है एवं उन्हें नष्ट कर रही है।’ उन्होंने कहा कि लेकिन यह ‘अस्थायी ठहराव’ है जिसे 2019 के चुनाव के बाद ‘‘संभाला’’ जाएगा।
एक प्रश्न के उत्तर में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आरएसएस समझता है कि लोगों की आवाज अप्रासंगिक है। हम 2019 का चुनाव क्यों जीतेंगे, उसका एक कारण यह है कि चूंकि नौकरशाह और संस्थानों की ओर से व्यापक प्रतिक्रिया आ रही है और वे कह रहे हैं कि हम इसे स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हमारे संस्थानों का गला घोंटकर भारत की ताकत पर प्रहार कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम वह शुरु करेंगे जो कांग्रेस पार्टी सफलतापूर्वक कर चुकी है, हम भारत को आर्थिक पथ पर ले जायेंगे।’’ गांधी ने कहा,‘‘यह सरकार विफल रही है। हमारे यहां बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का संकट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी बहुत तीखी और गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई थी। वह अनौपचारिक क्षेत्र के गिरावट के लिए सीधे जिम्मेदार हैं।’’