नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थाओं में गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के फैसले का समर्थन किया है। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि गरीबों के हित में उठाए गए कदमों का वह हमेशा समर्थन करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘सरकार ने संसद में माना है कि देश में 24 लाख सरकारी पद रिक्त हैं। मोदी सरकार ने इन पदों को नहीं भरा है। हम नौकरियों में आरक्षण देने का समर्थन करते हैं लेकिन देश के युवा यह सवाल पूछते हैं कि उन्हें नौकरियां कब मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह भी है कि चार साल आठ महीने बीत जाने के बाद व चुनाव की हार सामने देख केवल 100 दिन पहले ही मोदी सरकार को आर्थिक तौर से गरीबों की याद आई है, ऐसा क्यों? यह अपने आप में प्रधानमंत्री मोदी जी व सरकार की नीयत पर प्रश्न खड़ा करता है।
कांग्रेस हमेशा आर्थिक तौर से गरीबों के आरक्षण व उत्थान की समर्थक व पक्षधर रही है।
उनका कहना था कि दलित,आदिवासियों व पिछड़ों के संवैधानिक आरक्षण से कोई छेड़छाड़ न हो तथा समाज के गरीब लोग,वो चाहे किसी भी जाति या समुदाय से हों,उन्हें भी शिक्षा व रोजगार का मौका मिले।
इसके पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी कैबिनेट के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे ‘चुनावी जुमलेबाजी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकसभा चुनावों को देखते हुए देश के युवाओं के सामने सिर्फ दिखावा कर रही है।
अपने ट्वीट में सिंघवी ने कहा, ‘क्या आपने इस बारे में चार साल और आठ महीने तक सोचा? निश्चित तौर पर आचार संहिता लागू होने से तीन महीने पहले इस चुनावी जुमलेबाजी के बारे में सोचा गया।’ उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि आप कोटा की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा नहीं कर सकते। इसलिए आप यह दिखाना चाहते हैं कि आपने प्रयास किया, लेकिन नहीं हो पाया।