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गुरूग्राम। साइबर सिटी गुरूग्राम में वर्ष-2018 में उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में कंपनियों के सीएसआर फंड के सदुपयोग की एक ऐसी नई पहल की गई, जो प्रदेश में सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड बनने का आधार बनी। इस नई पहल के फलस्वरूप ही हरियाणा की पहली सीएसआर समिट भी गुरूग्राम में आयोजित की गई जिसमें कारपोरेट कंपनियों के काफी संख्या में प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गुरूग्राम में कारपोरेट कंपनियों के सहयोग से सीएसआर के तहत वर्ष-2018 में लगभग 34 करोड़ रूप्ये के विकास कार्य करवाए गए जोकि प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा सबसे अधिक थे। कंपनियों से उनके सामाजिक दायित्व का निर्वहन करवाने में गुरूग्राम जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। इतना ही नही, गुरूग्राम की इस पहल से हरियाणा सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड का गठन होने का रास्ता प्रशस्त हुआ और सरकारी विभागों तथा कंपनियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने सीएसआर पोर्टल भी लांच किया जिस पर एक ओर जहां सीएसआर फंड से हो सकने वाले प्रौजेक्ट विभाग उस पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर काॅरपोरेट कंपनियों को भी अपना सीएसआर फंड सही ढंग से खर्च करने का एक रास्ता मिला अन्यथा सीएसआर फंड को लेकर कंपनियां पशोपेश में रहती थी कि आखिर इसका उपयोग कहां और कैसे किया जाए ताकि इस धनराशि से समाज के किसी वर्ग को फायदा हो।
इस नई पहल के अंतर्गत उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में वर्ष-2018 में जिला में 30 से अधिक परियोजनाओं पर काम हुआ। सीएसआर के फंड का सदुपयोग करते हुए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में स्मार्ट क्लासिज की शुरूआत की गई। इसके अलावा, आंगनवाड़ी केन्द्रो का सुधारीकरण, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, स्कूलों में कमरों का जीर्णोद्धार व निर्माण कार्य, स्मार्ट टैब लैब, सुगम्य गुरूग्राम अभियान जैसे बहुत से विकास कार्य वर्ष-2018 में सीएसआर के तहत कंपनियों के सहयोग से करवाए गए। सीएसआर के तहत विकास कार्य जिला में पहले भी करवाए जाते रहे हैं लेकिन दिसंबर-2017 में उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में एक डेडिकेटिड टीम का गठन किया गया जिसने जिला की कंपनियों में कार्यरत विभिन्न काॅरपोरेट्स व कंपनियों के साथ बैठकें कर जरूरत अनुसार प्रौजेक्ट तैयार किए गए ताकि विकास कार्यों को गति मिल सकें।
वर्ष-2018 में गुरूग्राम जिला में आयोजित की गई हरियाणा सीएसआर समिट में भी विकास कार्य के लिए 177 करोड़ रूप्ये के एमओयू साइन किए गए। गुरूग्राम जिला में सीएसआर के तहत वैसे तो बहुत से इनीशिएटिव लिए जा रहे है लेकिन लोगों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए पावर ग्रिड कारपोरेशन आॅफ इंडिया के साथ 100 करोड़ रूप्ये की लागत से एक मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल बनाए जाने की योजना है। यह चार मंजिला अस्पताल सैक्टर-10 में 2 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। इस अस्पताल का निर्माण कार्य तीन चरणों में होगा। कंन्स्ट्रक्शन पार्ट पहले 2 चरणों मे पूरा होगा जबकि तीसरे चरण में अस्पताल में दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए हैल्थ चैकअप इन्वीपमेंट्स लगवाए जाएंगे। इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है जिस पर जल्द ही काम शुरू होगा। इतना ही नही, पावर ग्रिड कारपोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सीएसआर के तहत जल्द ही टीबी की बिमारी के चैक अप के लिए सभी उपकरणों से सुसज्जित एक वैन भी चलाई जाने की योजना है जो गांव-2 जाकर लोगों के स्वास्थ्य की निःशुल्क जांच करेगी।
श्री सिंह के अनुसार गुरूग्राम जिला में सीएसआर के तहत एक और महत्वपूर्ण पहल की शुरूआत की जा रही है जिसके तहत जल्द ही लघु सचिवालय, कोर्ट काॅम्पलैक्स व सीडब्लयूसी केन्द्र में डे केयर सैंटर की शुरूआत की जाएगी ताकि यहां कार्यरत महिलाओं के शिशुओं को बेहतर देखभाल मिल सके। इस डे केयर यूनिट के बनने के बाद जिला गुरूग्राम प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन जाएगा जहां पर कामकाजी महिलाओं के छोटे बच्चों की देखभाल के लिए ऐसी सुविधा उपलब्ध होगी। इस डे केयर यूनिट में किंडर गार्डन, चाइल्ड केयर यूनिट, टाॅय एरिया तथा फिडिंग एरिया आदि सहित कई सुविधाएं होंगी। डे केयर यूनिट को लेकर जगह की पहचान की जा चुकी है जिस पर जल्द ही काम शुरू होगा।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इंडियन आॅयल काॅरपोरेशन लिमिटेड के साथ वेस्ट-टू- एनर्जी प्लांट लगाए जाने की एक महत्वपूर्ण परियोजना पर भी काम किया जा रहा है। पहले 5 टन क्षमता का प्लांट लगाने की योजना थी जिसकी क्षमता को अब बढ़ाकर 50 टन कर दिया गया है। इस प्लांट में 50 टन कूड़े से बायो गैस बनाई जाएगी जिसका इस्तेमाल मिड डे मील तथा इस प्रकार के अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 20 करोड़ रूप्ये की राशि खर्च की जाएगी जिसकी भूमि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में अप्रैल-2019 तक पूरे प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ रूप्ये के प्रौजेक्ट विभिन्न कंपनियों के सहयोग से सीएसआर के तहत करवाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हरियाणा सीएसआर एडवाइजरी बोर्ड का भी गठन हो चुका है, जिसमें तीन स्तरीय कमेटी बनाई गई है। इस बोर्ड के चेयरमैन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल है। दूसरी कमेटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के रूप में है जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी कर रहे हैं। यह काउंसिल नीति निर्धारण का काम करेगी और तीसरी कमेटी ‘प्रौजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट‘ की होगी जो धरातल पर काम करेगी। यह कमेटी परियोजना का इंपैक्ट एसेसमेंट, कैपेस्टी बिल्डिंग , फील्ड वर्क, हैंड होल्डिंग आदि के क्षेत्र में काम करेगी।
उपायुक्त ने कहा कि सीएसआर एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि जहां पर कंपनियां काम कर रही है उस समाज के प्रति भी उनका एक दायित्व है, जिसका निर्वहन वे सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कंपनी के मुनाफे के दो प्रतिशत भाग खर्च करके कर सकती हैं और यह कानूनी रूप से अनिवार्य भी है। उन्होंने कहा कि सीएसआर के तहत यदि कोई कंपनी काम करना चाहती है तो वह ूूूण्ींतलंदंबेतण्वतह वैब पोर्टल पर जाकर देख सकती है कि वह किस प्रकार के प्रौजेक्ट मे अपना योगदान दे सकती हैं। इस पोर्टल पर सीएसआर के तहत करवाए जा सकने वाली लगभग 450 परियोजनाओं की डिटेल जिलानुसार अपलोड की हुई हैं। कंपनी अपनी सुविधानुसार प्रौजेक्ट का चयन कर वैबपोर्टल पर दिए गए ‘इंट्रेस्टेड‘ के आॅप्शन पर क्लिक करे। संबंधित विभाग व उपायुक्त को इसकी जानकारी स्वतः ही पहुंच जाएगी।