पाकिस्तानी राजनयिक जासूसी मामला
नई दिल्ली : आपको यह सुन कर आश्चर्य होगा लेकिन यह सत्य है कि दिल्ली पुलिस ने हाल ही में खुलासा हुए जासूसी मामले में समाजवादी पार्टी के एक राज्यसभा सदस्य के निजी सहायक फ़रहत को हिरासत में लिया है. इसी मामले में पहले पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था और अब देश से निष्कासित किया जा चुका है. उससे जुड़े तीन अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है जिसमें सभी राजस्थान के बताये जाते है.
पाकिस्तानी जासूस के संपर्क में थे
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सपा के राज्यसभा सदस्य मुनव्वर सलीम के पीए फरहत को शुक्रवार रात को हिरासत में लिया गया है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है और इसमें संलिप्त होने वाले जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं उनको भी पकड़ने की कोशिश कर रही है. जाँच में जिनके बारे में यह पता चल रहा है कि वे लोग पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मी महमूद अख्तर के करीबी संपर्क में थे. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी राजनयिक अख्तर को 26 अक्तूबर को गोपनीय दस्तावेज लेते हुए दिल्ली में हिरासत में लिया गया था.
राजस्थान से तीन गिरफ्तार
अख्तर के साथ दो अन्य व्यक्ति मौलाना रमजान और सुभाष जांगीड़ भी थे. ये दोनों राजस्थान के नागौर के रहने वाले बताये जाते हैं. एक अन्य आरोपी शोऐब को जोधपुर में हिरासत में लिया गया है. पुलिस उसे दिल्ली लेकर आई है.
पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर गत बुधवार को ही दिल्ली चिड़ियाघर के पास पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी अख्तर को दो भारतीयों से साथ गिरफ्तार किया था. वीजा एजेंट शोएब चकमा देकर भागने में सफल हो गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शोएब को गुरुवार की शाम जोधपुर के निकट हिरासत में लिया गया और बाद में यहां लाने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया.
तीन साल पहले नियुक्त किया था
बताया जाता है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अख्तर को तीन साल पहले नियुक्त किया था और फिर बाद में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग भेज दिया. वह यहां वीजा विभाग में काम करता था, ताकि उसे ऐसे लोग मिल सके, जिससे वह जासूसी करा सके.
50,000 रुपये देता था
दिल्ली पुलिस को जाँच में पता चला है कि ये सभी प्रत्येक माह किसी तय जगह पर अख्तर से मिलते थे व उसे देश की रक्षा से सम्बंधित गोपनीय दस्तावेज सौंपते थे. इसके बदले अख्तर उन्हें 50,000 रुपये देता था. उन्होंने बताया कि इस बार उन लोगों ने दिल्ली के चिड़ियाघर के पास मिलना तय किया था और उसी अनुसार वहन आये जहां से उन्हें हिरासत में लिया गया. उनके पास से सीमा पर बीएसएफ व सेना की तैनाती नक्शों से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए है.