नर्मदा। पुलिस महानिदेशकों के इस वर्ष के सम्मेलन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह गुजरात के नर्मदा जिले में केवडि़या में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की छांव में आयोजित किया गया था। यह बात उल्लेखनीय है कि सरदार बल्लभभाई पटेल ने ही देश के गृहमंत्री के रूप में 1948 में नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों के सबसे पहले सम्मेलन का उद्घाटन किया था। यही कारण है कि इस वर्ष के सम्मेलन का मूल विषय था – ‘सरदार पटेल का राष्ट्रीय एकता का संदेश’।
राष्ट्रीय एकता के लिए सरदार पटेल के योगदान से प्रेरणा ग्रहण करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर राष्ट्रीय एकता के लिए नये राष्ट्रीय सम्मान स्थापित करने की घोषणा की। प्रत्येक वर्ष एक बार इसे प्रदान किया जायेगा। यह पुरस्कार प्रत्येक भारतीय के लिए खुला होगा, जिसने किसी न किसी रूप में राष्ट्रीय एकता के लिए योगदान किया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर आधारित एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा प्रकाशित पुलिस की शहादत पर आधारित भारतीय पुलिस जर्नल के एक विशेषांक का भी विमोचन किया।
प्रधानमंत्री ने साइबर समन्वय केन्द्र की एक वेबसाइट का भी शुभारंभ किया। साइबर अपराध हो अथवा साइबर सुरक्षा का मामला हो, साइबर से जुड़े सभी मामले इसमें शामिल होंगे। यह कानून के अमल से जुड़ी एजेंसियों के बीच सेतु का काम करेगा, साथ ही यह शिक्षाजगत और निजी साइबर सुरक्षा व्यवसायियों के लिए भी काम करेगा। इस सम्मेलन में देश में साइबर सुरक्षा में सुधार के साथ-साथ साइबर अपराधों और वित्तीय जालसाजियों की रोकथाम और जांच के लिए पुलिस बलों को तैयार करने पर जोर दिया गया।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार बल्लभ भाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद 20 दिसम्बर को इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था।