नई दिल्ली । फ्रांस के साथ हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर सियासी घमासान मचा है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बीजेपी को घेर रही है। इस बीच नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (CAG) ने रक्षा मंत्रालय को राफेल पर ड्राफ्ट रिपोर्ट भेज दी है। मंत्रालय को दो हफ्ते पहले ये रिपोर्ट भेजी गई है।
CAG ने चार हफ्ते के अंदर इस ड्राफ्ट रिपोर्ट पर सरकार को जवाब देने को कहा है। जवाब देने के बाद CAG और सरकार के बीच एक एग्जिट कॉन्फ्रेंस होगी, जहां दोनों एक दूसरे से आमने-सामने सवाल-जवाब करेंगे। खास बात ये है कि ये ड्राफ्ट रिपोर्ट इस बार संसद के शीतकालीन सत्र में पेश नहीं होगी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते राफेल सौदे पर मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। कोर्ट ने भारत और फ्रांस के बीच 23 सितंबर 2016 को हुए राफेल विमान सौदे के खिलाफ दायर जांच संबंधी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के फैसले में तथ्यात्मक सुधार करने वाली याचिका को लेकर हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने राफेल डील पर पहले तो जनता को गुमराह किया, फिर शीर्ष अदालत में भी गलत जानकारियां दी।
लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को फैसला वापस लेना चाहिए। राफेल कई भूमिकाएं निभाने वाला और दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण डसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है।