जब एक पारी में जंबो ने किया था पूरी पाकिस्तानी टीम का शिकार

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नई दिल्ली। टीम इंडिया के पूर्व महानतम लेग स्पिनर अनिल कुंबले आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। कुंबले को उन खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है, जो कभी हार नहीं मानते। कुंबले की गेंदबाजी का जलवा पूरी दुनिया ने देखा है। उनकी शानदार गेंदबाजी की बदलौत टीम इंडिया ने बड़ी टीमों को शिकस्त दी। जंबो के नाम से मशहूर कुंबले ने टेस्ट में 619 तथा वन-डे में 337 विकेट लिए हैं। टीम इंडिया की ओर से यह टेस्ट और वन-डे में रिकॉर्ड है। आज अनिल कुंबले के जन्‍मदिन पर हम लाए हैं कुछ रोचक जान‍कारियां..

अनिल कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर 1970 को बंगलौर, कर्नाटक में हुआ था। इनके पिता का नाम कृष्णा स्वामी और माता का नाम सरोजा हैं। उनका सरनेम ‘कुंबले’ उनके परिवार वालों ने कुंबला नाम के उनके पैतृक गांव के नाम पर रखा। उनकी लंबाई के कारण उन्‍हें जंबो नाम भी मिला है

अनिल कुंबले इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकन जब क्रिकेट में आ गए तो उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।

नेशनल कॉलेज बसावनागुडी से प्री यूनिवर्सिटी करने के बाद कुंबले ने 1992 में राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली है।

अनिल कुंबले ने 25 अप्रैल 1990 को श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला इंटरनेशनल वनडे मैच खेला। इसी वर्ष इंग्लैड के खिलाफ उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच भी खेला।
अनिल कुंबले 1 वर्ष तक भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे। उन्होंने मार्च 2007 में संन्यास ले लिया।आईपीएल में वह बैंगलोर की ओर से खेलते थे।

कुम्बले ने बेंगलुरू की रहने वाली तलाकशुदा चेतना से शादी की। कुम्बले से शादी के पहले चेतना की शादी एक बिजनेसमैन से हुई थी और उनको एक बेटी भी थी। चेतना और अनिल को एक बेटा और दो बेटियां हैं।

वेस्टइंडीज दौरे पर एंटीगुआ टेस्ट के दौरान बाउंसर से जबड़ा टूट जाने के बावजूद टीम की जरूरत को देखते हुए अनिल कुंबले ने अगले दिन चेहरे पर पट्टी बांधकर बल्लेबाजी की और फिर 14 ओवर की गेंदबाजी में वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा का विकेट हासिल किया। उनके करियर का यह एक यादगार पल रहा।

टीम इंडिया में एक दौर सिर्फ अनिल कुंबले का कहलाता था। जब कभी टीम किसी मैच में मुश्किल परिस्थिति में फंसती दिखती तुरंत कुंबले को गेंद दी जाती और टीम इंडिया मैच में वापसी कर लेती। गेंदबाजी ही नहीं बल्लेबाजी में भी कुंबले ने अपना कमाल दिखाया है और कई मौके पर अपनी बल्लेबाजी से टीम को जीत दिलाया है।

टेस्ट क्रिकेट में 500 से ज्यादा विकेट और 2000 से ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दो ही खिलाड़ियों, ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न और अनिल कुंबले के नाम दर्ज हैं। इनके सम्मान में बंगलौर शहर के एक सबसे मुख्य चौराहे को अनिल कुंबले चौराहा का नाम दिया गया है।

इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले एकमात्र गेंदबाज है। पाकिस्तान के खिलाफ 4 फरवरी 1999 को दिल्ली में हो रहे टेस्ट में 26.3 ओवरों में 74 रन देकर 10 विकेट लिए थे।

2016 में अनिल कुंबले टीम इंडिया के हेड कोच बने थे, लेकिन साल भर में ही उनके और मौजूदा कप्तान विराट कोहली के बीच विवाद हो गया जिसकी वजह से उन्होंने कोच पद से इस्तीफा दे दिया।

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