महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 नवंबर से, 47 साल बाद मुंबई में हो रहा है आयोजन

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सिर्फ 9 दिन चलेगा शीतकालीन सत्र !

मुंबई । महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र इस बार सिर्फ 9 दिन ही चलेगा। हालांकि, विपक्ष ने कामकाजी दिवस बढ़ाने की मांग की है। शीतकालीन सत्र 19 नवंबर से शुरू होगा जो 30 नवंबर तक चलेगा। यह सत्र 47 साल बाद मुंबई में हो रहा है आयोजन।
महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र सालों उपरांत मुंबई में होने जा रहा है। इससे पहले शीतकालीन सत्र राज्य की उपराजधानी नागपुर में आमतौर पर दिसंबर में होता था। मुंबई में 19 नवंबर से शुरू होने वाले सत्र का कामकाज सिर्फ 9 दिन होगा। सत्र के दौरान ही गुरुनानक जयंती है। गौरतलब है कि गुरुनानक जयंती के दिन राज्य में सरकारी अवकाश होता है, लेकिन इस बार कम समय होने की वजह से सत्र का काम-काज इस छुट्टी के दिन भी होगा।
महाराष्ट्र विधान भवन में गुरुवार को विधान मंडल कामकाज सलाहकार समिति की बैठक हुई।

बैठक के बाद राज्य के संसदीय कार्य मंत्री गिरीश बापट ने बताया कि विधानमंडल का काम काज इस बार दो सप्ताह के लिए रखा गया है। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के कामकाज को बढ़ाए जाने के बाबत बापट ने कहा कि सत्र का कामकाजी दिवस बढ़ाने की संभावनाएं नहीं है। हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि कामकाजी दिवस बढ़ाने के बारे में सर्वदलीय बैठक लेकर चर्चा की जाएगी। संसदीय कार्यमंत्री बापट ने विपक्ष से सदन को शांतिपूर्ण ढंग से चलने देने की अपील भी की है।
विपक्ष ने की आलोचना,
शीतकालीन सत्र के कामकाजी दिन 9 दिन करने पर विपक्ष ने नाराजगी जताई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि राज्य आज संकट के दौर से गुजर रहा है। सूखे की मार से किसान त्रस्त है और राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में महज 9 दिन में राज्य की 11 करोड़ जनता को न्याय दिलाना कठिन होगा। हमारी मांग है कि शीतकालीन सत्र कम से कम 3 सप्ताह का होना चाहिए। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने 9 दिन के सत्र पर नाराजगी जताते हुए फडणवीस सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से भाग रही है। सरकार आम आदमी की समस्याओं को हल करने की बजाय उन्हें परेशान रखना चाहती है। मुंडे ने बताया कि बैठक में उन्होंने सत्र के कामकाज को कम से कम तीन सप्ताह करने की मांग की गई, लेकिन उनकी मांग का कोई असर सरकार पर नहीं पड़ा।

किसने क्या कहा?

गिरीश बापट, संसदीय कार्य मंत्रीः विधानमंडल का कामकाज इस बार दो सप्ताह के लिए रखा गया है। सत्र का कामकाजी दिवस बढ़ाए जाने की संभावना लगभग नहीं है।

राधाकृष्ण विखे पाटील, नेता विपक्षः राज्य संकट के दौर से गुजर रहा है। किसान त्रस्त हैं, राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है। महज 9 दिन में राज्य के 11 करोड़ लोगों को कितना न्याय मिल पाएगा?

धनंजय मुंडे, नेता विपक्ष (विधान परिषद): फडणवीस सरकार चर्चा से भाग रही है। आम आदमी की समस्याओं को हल करने की बजाय सरकार उन्हें परेशान रखना चाहती है।

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