टेरेसा के नाम नोबेल पुरस्कार एवं भारत रत्न भी
वेटिकन सिटी । कई वर्षों से प्रतिक्षित मदर टेरेसा को रविवार को संत की उपाधि प्रदान कर दी गई। जीवित रहती हुई सौ से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित टेरेसा को उनके निधन के बाद यह सबसे बड़ी उपाधि दी गई। उन्हें भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार भी मिला है। वह ऐसी पहली महिला हैं जिन्हें वेटिकन में ईसाई समुदाय के धर्मगुरुओं ने संत घोषित किया है। दुनिया के देशों में भी इस घटना को बेहद उत्सुकता से देखा गया।
मदर टेरेसा को संत की उपाधि देने के बाद पोप फ्रांसिस ने कहा कि उन्हें संत टेरेसा कहने में बजाय मदर टेरेसा कहना ही अच्छा लगेगा। उनकी पवित्रता और मासूमियत हमारे बेहद करीब है इसलिए हम उन्हें मदर ही कहेंगे।
बताया जाता है कि रोमन कैथोलिक्स में 1600 ईस्वी से संत घोषित करने का की परम्परा है। जानकारों का कहना है कि पोप के अलावा पहली बार किसी को मृत्यु के महज 19 साल बाद ही संत घोषित कर दिया गया है।
इस अवसर पर 13 देशों के राष्ट्राध्यक्ष एवं लगभग 1 लाख लोग मौजूद थे। भारत से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, ममता बनर्जी, केजरीवाल भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। भारत सरकार ने एक ऑफिशियल डेलिगेशन वेटिकन सिटी भेजा था। उल्लेखनीय है कि पोप 1232 से संत घोषित कर रहे हैं लेकिन रोमन कैथोलिक संत घोषित करने की परम्परा के प्रमाण 1600 से मिलते हैं।