सांसदों के डेलिगेशन से अलगाववादी नहीं मिले

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शरद यादव को वैरंग लौटाया

महबूबा ने दिया बातचीत का निमंत्रण

श्रीनगर । कश्मीर के हालात पर चर्चा करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में 26 सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल रविवार को श्रीनगर पहुंचा। डेलिगेशन से बातचीत करने के लिए महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादियों को भी आमंत्रित किया लेकिन वो न तो आए न ही अपने घर गए सांसदों से मिले। अली शाह गिलानी और मीरवाइज ने अपने घर पहुंचे नेताओं से मुलाकात करने तक से इनकार कर दिया। हालांकि यासीन मलिक से बातचीत हुई। दूसरी तरफ वातावरण को खराब करने की कोशिश में शोपियां में कुछ लोगों ने मिनी सेक्रेटरिएट की बिल्डिंग में आग लगा दी।

उमर अबJ & K 2 copyदुल्ला व महबूबा अलग-अलग

गृह मंत्री राजनाथ ङ्क्षसह की अध्यक्षता वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से राज्य की सरकार की मुखिया महबूबा मुफ््ती ओर विपक्षी नेता नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष उमर अबदुल्ला ने अलग-अलग बात की। दोनों के सुर अलग-अलग थे। विपक्षी नेता अबदुुल्ला ने प्रदेश सरकार की खामियों को सामने रख कर स्थिति के प्रति गम्भीर नहीं होने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ अलगवादी नेताओं के समूहों में से किसी ने भी इस राजनीतिक प्रतिनिधियों से बात नहीं की। हालांकि शरद यादव ने स्वयं पहल करते हुए यासीन मलिक के घर जाकर उससे मुलाकात करने की कोशिश की। मुलाकात हो हुइ लेकिन बताया जाता है यासिन ने उन्हें खाली हाथ लौटा दिया। हालांकि शरद यादव ने कहा है कि यासीन ने उनसे बातचीत के लिए दिल्ली की बात की है।
इस डेलिगेशन में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खडग़े तथा लोजपा नेता व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान सहित वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
इसमें फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली भी श्रीनगर पहुंचे हैं।

क्या कहना है डेलिगेशन का ?

गुलाम नबी आजाद ने उम्मीद जताई है कि कश्मीर की समस्या का समाधान निकालेगा। उनके अनुसार डेलिगेशन, कश्मीर और देश के लिए कारगर साबित होगा।Þ
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि हम लोग ओपन माइंड से यहां आए हैं। संविधान के दायरे में जो बात करेगा, हम तैयार हैं।
डेलिगेशन में शामिल सीपीएम नेता व राज्य सभा सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसा दो महीने पहले ही हो जाना था। अभी भी उम्मीद है कि हम कुछ अच्छा कर सकते हैं।Þ

गिरप्तार हुर्रियत के नेता
कश्मीर में हालात बिगडऩे के मद्देनजर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरम पक्ष के नेता मीरवाइज उमर फारूक चश्मे शाही उपजेल में हैं जबकि जेकेएलएफ नेता यासीन मलिक को हुमामा के बीएसएफ कैंप में रखा गया है। दूसरी तरफ कट्टरपंथी नेता सैयद अली शाह गिलानी को घर में ही नजरबंद कर रखा गया है।

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अलगाववादियों को महबूबा ने लिखा लेटर
भारत सरकार की अब तक की नीति से थोड़ा अलग हट कर प्रदेश की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गत शनिवार को ही अलगाववादियों को बातचीत के लिए पत्र लिखा। समझा जाता है कि मुफ़्ती ने यह कदम प्रधानमंत्री की ओर से संकेत मिलने के बाद ही उठाया है। पत्र में उन्होंने कहा कि यह लेटर आपको जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंट के लिहाज से लिख रही हूं। मेरी आपसे निवेदन है कि राज्य में आ रहे ऑल पार्टी डेलिगेशन से बात करने के लिए आप सभी आएं। हालात को बेहतर करने की दिशा में ये एक मजबूत पहल होगी।Þ
महबूबा ने कहा है कि उन्होंंने पार्टी लाइन और अपनी राजनीतिक स्थिति से ऊपर उठकर यह कदम उठाया है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश की पॉलिटिकल लीडरशिप मसले का हल करना चाहती है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हालात को सुधारने की कोशिश में सहयोग करे।  उन्होंने उम्मीद जताई है कि वे लोग डेलिगेशन के साथ बातचीत में अपने सुझाव रखेंगे।

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