जिनपिंग से मोदी की खरी खरी

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चीन-पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर का मुद्दा उठा

हांगझाउ । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से आधे घंटे की मुलाकात की। पीएम ने पीओके से गुजरने वाले चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का मुद्दा उठाया। मोदी ने कहा कि इस इलाके में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। पीएम ने जोर दिया कि दोनों देशों के बीच नेगेटिव बातों को जगह नहीं दी जानी चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि हम मुश्किल से बने रिश्तों को बनाए रखना चाहेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्त विकास स्वरूप के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने जिनपिंग से कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे के रणनीतिक क्षेत्रों का ध्यान रखना चाहिए।आतंकवाद पर सियासत नहीं करने की भी बात की। उन्होंने बॉर्डर पर शांति बनाए रखने पर भी बल दिया।
एनएसजी में भारत की सदस्यता और आतंकवाद जैसे विषयोंं पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं के बीच तीन महीने में यह दूसरी मुलाकात है।
बैठक में जिनपिंग ने कहा कि भारत के साथ मुश्किल से बने रिश्तों को बनाए रखेंगे।ÞÞ बताया जाता है कि कल मोदी बराक ओबामा से भी मिलेंगे। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, जिनपिंग ने मोदी से कहा कि चीन भारत से सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है क्योंकि ये रिश्ते बड़ी मुश्किल से बेहतर हुए हैं।ÞÞ
उल्लेखनीय है कि इससे पहले दोनों नेताओं के बीच जून में ताशकंद में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की बैठक के दौरान मुलाकात हुई थी। अब अगली मुलाकात गोवा में सम्मेलन के दौरान होने की संभावना है। मोदी ने कहा कि भारत किर्गिस्तान में चीन एम्बेसी पर हुए आतंकी हमले की निंदा करता है।दूसरी तरफ ब्रिक्स की बैठक में भाग लेने पहुंचे सभी देशों के नेताओं का फोटो सेशन हुआ। ब्रिक्स ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका देशों का एक समूह है।

तनाव वाले मुद्दे :
मोदी वियतनाम से सीधे चीन पहुंचे हैं। साउथ चाइना सी पर भारत वियतनाम के साथ है। चीन इस मुद्दे पर भारत को वॉर्निंग भी दे चुका है। दूसरी तरफ भारत ने अरुणाचल में चीन के विरोध के बावजूद सुखोई और ब्रह्मïोस तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा हाल ही में भारत व अमेरिका के बीच हुए डिफेंस डील को लेकर भी चीन की परेशानी बढ़ी है। इससे चीन के साथ साथ पाकिस्तान भी चिंतित है।
भारत लगातार चीन से ट्रेड बैलेंस की मांग करता रहा है लेकिन चीन चुप्पी साधे हुए है।

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