दिल्ली में एक ऐसा संग्रहालय जहां देश के सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में मिलेंगी जानकारी

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सुभाष चौधरी

नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्रियों पर एक संग्रहालय दिल्ली में स्थापित किया जाएगा। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली में तीन मूर्ति एस्टेट पर प्रस्तावित संग्रहालय की आधारशिला रखी।

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बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. महेश शर्मा ने कहा तीन मूर्ति एस्टेट का कुल क्षेत्रफल 25.50 एकड़ है जिसमें से नेहरू स्मारक संग्रहालय इमारत 4286 वर्ग मीटर और लाइब्रेरी बिल्डिंग 4552 वर्गमीटर पर बनी हुई है जो कुल मिलाकर करीब 2 एकड़ है। तीन मूर्ति एस्टेट के शेष 23 एकड़ क्षेत्र में भारत के प्रधानमंत्रियों पर एक संग्रहालय स्थापित करने का फैसला किया गया जो आवास और शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत है। संग्रहालय इमारत परिसर का निर्मित क्षेत्र 10975.36 वर्ग मीटर होगा जिसमें 271 करोड़ रुपये की लागत से सभी स्तरों पर गैलरियों के साथ बेसमेंट, भूतल और प्रथम तल होगा।

श्री पुरी ने बताया कि प्रस्तावित संग्रहालय भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित होगा और इससे आगुन्तकों को आजादी के बाद देश को आकार प्रदान करने वाले नेतृत्व, उनकी पहलों और उऩके त्याग के क्रम को समझने में मदद मिलेगी।

प्रस्तावित संग्रहालय भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री से जुड़े संग्रह, उनके जीवन, कार्य और राष्ट्र निर्माण की दिशा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के जरिए आधुनिक भारत का वर्णन करेगा। यह भारत के लोकतांत्रिक अनुभव का जीवंत वर्णन करेगा। यह प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय की भूमिका के बारे में जिज्ञासा और अनुसंधान को प्रोत्साहन देगा। प्रस्तावित संग्रहालय में एक अनुस्थापन स्थल, स्मृति चिन्ह दुकान, वार्ता / भाषण और विचार-विमर्श आयोजित करने के लिए स्थान, सेमीनार हॉल, ऑडिटोरियम, कार्यशाला क्षेत्र, पुस्तकालय, दस्तावेज रखने के लिए कक्ष, प्रयोगशाला और अभिलेखागार क्षेत्र होगा।

संग्रहालय एक संस्थान होगा जहां आने वाले लोग प्रधानमंत्री कार्यालय, उसके उद्भव, भूमिका और केन्द्रीय स्तर पर शासन की भूमिका के साथ-साथ प्रत्येक प्रधानमंत्री के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह संग्रहालय भारत के युवाओँ और अन्य लोगों को आधुनिक श्रव-दृश्य टेक्नोलॉजी के जरिए जानकारी प्रदान करेगा। प्रस्तावित संग्रहालय का डिजाइन भारत का प्रतीक होगा जिसे उसके जाने-माने नेताओं द्वारा वर्षों में आकार प्रदान किया है।

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