सुभाष चौधरी/ प्रधान सम्पादक
गुरुग्राम । शनिवार को गुरुग्राम के अडिशनल सेशन जज कृष्णकांत शर्मा की पत्नी और बेटे को गोली मारने वाला गनर जज के परिवार और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहा था। हालांकि इस बात की पुष्टि जज से होने वाली पूछताछ से ही हो पाएगी लेकिन संकेत इस बात के मिले हैं कि गनर महिपाल इस प्रकार की कोशिश में था। सूत्र बताते हैं कि कुछ समय में ही वह जज के परिवार से काफी करीब हो गया था। धर्म परिवर्तन का गनर की पत्नी भी विरोध कर रही थी।पुलिस पूछताछ में वह डालने बयान लगातार बदल रहा है। पुलिस उसका बैक ग्राउंड खंगाल रही है। इस घटना में घायल जज की पत्नी रितु और बेटे ध्रुव ने दम तोड़ दिया है।
मां-बेटे की मौत के बाद अस्पताल और पोस्टमार्टम हाउस पर हाईकोर्ट समेत कई प्रदेश के जज पहुंच गए हैं। अस्पताल में हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद हैं। हाइकोर्ट के जस्टिस ग्रोवर, एडीजीपी पीके अग्रवाल भी मेदांता अस्पताल पहुंचे। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित कई प्रदेशों के जज मेदांता पहुंचे। हत्या के आरोपी पुलिसकर्मी को न्यायाधीश के सामने पुलिस ने पेश किया। जहां से उसे चार दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
सूत्र बताते हैं कि शादी के बाद से ही गनर महिपाल की अपनी पत्नी मीनू से अनबन हुई तो उसके मामा ने हस्तक्षेप कर मामला शांत करा दिया। उसकी दो बेटी है। यह तकरार चलती रही, उसने 3 साल पहले धर्म परिवर्तन कर लिया। धर्म परिवर्तन के बाद वह अपने गांव में रहने लगा था जहां उसने मकान भी बनवाया। कहा जा रहा कि कुछ ग्रामीणों ने गनर महिपाल द्वारा इसाई धर्म अपनाने का विरोध किया था। पुलिस में होने के कारण और जज की सुरक्षा में होने का वह रौब दिखता था जिससे ग्रामीणों की नहीं चली। महिपाल गुरुग्राम में तैनात था इसलिए अपने परिवार के साथ पुलिस लाइन गुरुग्राम में रहने लगा था जबकि उसकी मां अपने भाई के पास है।
यह चर्चा जोरों पर है कि महिपाल पिछले कई महीनों से अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश गुरुग्राम के परिवार पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। गनर महिपाल की पत्नी भी इस बात का विरोध कर रही थी इसीलिए वह लड़ाई कर पुलिस लाइन से अपने गांव रोजका आ गई। अपुष्ट सूत्र बताते हैं कि पिछले 1 महीने से लगातार महिपाल का जज के परिवार से विवाद हो रहा था लेकिन वह अक्सर जज से माफी मांग लेता था। वह जज के परिवार से काफी घुलमिल गया था और अक्सर साथ रहता था। चर्चा है कि वह जज की पत्नी और बेटे पर ईसाई धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहा था लेकिन उसकी बात नही मानने से वह खफा रहता था। यह विवाद काफी समय से चल रहा था। शनिवार को उसने जज की पत्नी व बेटे को गोली मार दी और इलाज के दौरान अंततः दोनों की मृत्यु हो गयी। आश्चर्यजनक रूप से उसने घटना के बाद जज और अपनी मां को फोन पर इस वारदात को अंजाम देने की जानकारी दी।
अदालत में उसे पेश करने के बाद चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस पूछताछ में महिपाल ने कई बार अपने बयान बदले हैं। इसलिए जांच टीम को किसी नतीजे पर पहुंचने पर मुश्किल हो रही है। लगातार बयानों में हो रहे अंतर से पुलिस को आशंका है कि वह जानबूझ कर कुछ रहस्य छिपा रहा है। अभी पुलिस को जज के आधिकारिक निवास और घटना स्थल के क्रम को जोड़ना भी बाकी है। जांच टीम को कुछ सबूतों की भी दरकार है। कहा जा रहा है कि जांच टीम को कुछ फोटो भी मिले है जिससे आशंका के बादल गहरा रहे हैं।
पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि क्या महिपाल ने जज से धर्म परिवर्तन की बात कही थी या यह केवल कयास भर है। जांच में इस बात की खोज भी हो रही है जज के परिवार का कोई सदस्य धर्म परिवर्तन के लिए तैयार था या नहीं, साथ ही जांच इस दिशा में भी हो रही है कि जब गनमैन जज की पत्नी व बेटे को लेकर चला उस समय उनके आवास पर कौन-कौन था। पुलिस को अब भी उन कारणों की खोज है जिसके लिए सुरक्षा करने वाले गनर ने ही जज के बेटे को गोली मारने के बाद निर्मम तरीके से गाड़ी में डालने की असफल कोशिश की।
बताया जाता है कि जंच टीम महिपाल की मां, उसकी पत्नी मीनू व उसके मामा से भी गहन पूछताछ कर रही है। संभावना इस बात की प्रबल है कि महिपाल की पत्नी और इसके करीबी रिश्तेदार ही इस घटना के रहस्य से पर्दा उठा सकते हैं। उनसे मिलने वाले इनपुट से ही पता चलेगा कि गनर महिपाल और जज के परिवार के बीच खटास क्यों बढ़ी ? हाल के दिनों में उसकी मानसिक स्थिति और डयूटी के दौरान जज के परिवार से होने वाली बातचीत का जिक्र कभी अपनी पत्नी से करता था या नहीं ? आखिर उसकी अपनी पत्नी से लड़ाई क्यों होती थी? उसका दाम्पत्य जीवन ठीक तरीके से चल रहा था या नहीं ? दर्जनों सवाल पुलिस के सामने है जिसका जवाब ढूंढने की कोशिश हो रही और इनसे ही असली कारण तक पहुंचा का सकेगा।
इस घटना से ग्रामीण हतप्रभ हैं हालांकि महिपाल की गतिविधि से वहां के लोग कभी खुश नहीं थे लेकिन पुलिस में होने कारण कोई उससे उलझने की हिम्मत नहीं करता था।