सोशल मीडिया पर समर्थक व आलोचक लगा रहे हैं अर्थ
सुभाष चौधरी/सम्पादक
नई दिल्ली। देश में कई विपक्षी नेता अक्सर पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना कर चर्चा में बने रहने की जुगत करते रहते हैं। इनमें एक हैं कांग्रेस नेता शशि थरूर जिन्होंने अपनी नई किताब वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने को ही समर्पित कर दी है। इस बहाने वे कठिन से कठिन शब्दों का प्रयोग कर अंग्रेजी भाषा पर अपनी पकड़ सिद्ध करने में लगे हैं जबकि ट्विटर यूजर के अनुसार पीएम मोदी संस्कृत के क्लिष्ट श्लोक व शब्दों को ट्वीट कर उनका जवाब दे रहे हैं। जाहिर है दोनों के समर्थक और आलोचक इसका भरपूर मजा ले रहे हैं जबकि इससे उनका ज्ञानवर्धन भी होता दिख रहा है क्योंकि दोनों के शब्दों को समझने के लिये सभी को डिक्शनरी के पन्ने पलटने पड रहे हैं।
खबर है कि पवित्र नवरात्र पर्व की शुभकामनाएं देने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक दिन महान धार्मिक ग्रन्थ “दुर्गासप्तसती” से संस्कृत में कोई न कोई श्लोक ट्वीट कर रहे हैं। पीएम ने एक श्लोक जिसमें मां दुर्गा का वर्णन करते हुए विनती की गई है उसके एक श्लोक के थोड़े कठिन शब्द ‘करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू’ का इस्तेमाल किया। जाहिर है पूरे एक वाक्य वाले इस शब्द को समझना सामान्य जन के लिए आसान नहीं था और उनके लिए तो बिल्कुल ही कठिन जो आज ट्विटर की दुनिया में ही अपना सारा समय व्यतीत करते हैं और दिन रात किसी न किसी की सराहना करते हैं या अभद्र गालियों भारी आलोचना। पीएम के इस शब्द नहीं बल्कि श्लोक का अर्थ जानने के लिए लोग उत्सुक हुए। सोशल मीडिया पर इसकी जमकर चर्चा भी हुई। समर्थक और आलोचक दोनों आपस में भिर गए । वैसे इनमें से किसी ने न तो इसको पढ़ा होगा और न सुना होगा क्योंकि उन्हें अपनी संस्कृति या धर्म का जरा भी भान नहीं है। अगर होता तो इस प्रकार की अनर्गल बहस को हवा नहीं देते और अर्थ का अनर्थ नहीं लगाते।
जाहिर है इसमें भी पीएम समर्थकों को राजनीति दिख गयी और इस श्लोक को उनकी भाषाई क्षमता का प्रतीक मान बैठे। संस्कृत के ज्ञान के अभाव में मोदी समर्थकों ने इस ट्वीट को माता दुर्गा की प्रार्थना नहीं बल्कि पीएम के इस आसानी से समझ न आने वाले संस्कृत के ट्वीट को कांग्रेस नेता शशि थरूर के लिए जवाब मान लिया। गौरतलब है कि शशि थरूर आजकल अपनी अबूझ अंग्रेजी को लेकर पढ़े लिखों और सामान्य ट्विटर यूजर के बीच चर्चा में हैं।
लगातार माता दुर्गा के प्रति श्रद्धा दिखाते हुए उनसे प्रार्थना करते हुए पीएम मोदी ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥’ इस श्लोक का अर्थ है, ‘आप अपने कर कमलों में माला (दायें) और कमंडल (बायें) धारण करती हैं। हे ब्रह्मचारिणी देवी, आपसे उत्तम और श्रेष्ठ और कुछ नहीं हो सकता। प्रसन्न होकर आप हम सब पर कृपा करें।’ श्लोक को ट्वीट करने का क्रम जारी है । लगता है दुर्गासप्तसती ग्रंथ जो वेद से लिया गया है में दुर्गा जी के बारे में वर्णन व वंदन को धार्मिक रूप में लेने के बजाय लोगों ने इसका कुछ और ही अर्थ लगा लिया।
ट्विटर पर आ रही प्रतिक्रिया से लगता है कि ट्विटर की दुनिया में जीने वाले लोग सोशल मीडिया पर पीएम के इस कठिन श्लोक को कांग्रेस नेता शशि थरूर के जटिल अंग्रेजी शब्दों का जवाब मान रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपनी नई किताब का जिक्र करते हुए ट्विटर पर एक अंग्रेजी शब्द का इस्तेमाल किया।अनेक शब्दों से बने इस एक शब्द को कोई आसानी से समझ नहीं सका। पीएम मोदी पर लिखी अपनी किताब ‘द पैरोडॉक्सियल प्राइम मिनिस्टर’ के बारे में बताते हुए थरूर ने यह खास ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने ‘floccinaucinihilipilification’ शब्द का इस्तेमाल किया था। इसका मतलब होता है किसी बात की आलोचना करने की आदत, चाहे वो गलत हो या सही।
थरूर के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया तो आना लाजिमी था लेकिन मोदी समर्थकों ने उससे आगे यह सोच लिया कि कांग्रेस नेता ने इस शब्द का उपयोग कर जिस प्रकार अंग्रेजी में अपनी विद्वता का परिचय दिया उसका जवाब प्राधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्कृत के कठिन श्लोक ट्वीट करने की अपनी भारतीय भाषा की विद्वता से दिया। बहरहाल इसके असली मायने समझे विना ट्विटर पर यह तकरार जारी है।