नई दिल्ली। हिंदी फिल्मों के सितारे वरुण धवन और अनुष्का शर्मा को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले कौशल भारत अभियान को प्रोत्साहन और समर्थन देने के लिये ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है।
दोनों ही अभिनेता अपनी फिल्म ‘सुई-धागा-मेड इन इंडिया’ के जरिये पूरे विश्व में भारत का सम्मान बढ़ा रहे हैं भारत के उद्यमियों और कुशल कामगारों, विशेषकर के घरेलू हथकरघा कारीगरों, दस्तकारों और बुनकरों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं।
यह फिल्म जमीनी स्तर पर भारत के प्रतिभाशाली कारीगरों और कुशल कामगारों की छुपी हुई क्षमताओं और उनके समक्ष चुनौतियों एवं विषयों पर प्रकाश डालती है।
इस फिल्म के मुख्य कलाकार वरुण एवं अनुष्का ‘कौशल भारत’ के साथ साझेदारी करके भारत की कुशल प्रतिभाओं और उनके बारीक काम को प्रोत्साहित करने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों में उनके साथ जुड़कर उन्हें अपना समय देंगे।
मुंबई में कल इस विषय पर बात करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “वरुण धवन एवं अनुष्का शर्मा अपनी इस अनोखी फिल्म ‘सुई-धागा-मेड इन इंडिया’ के जरिये भारत के हथकरघा कारीगरों एवं दस्तकार समुदाय की अद्भुत कुशलता और प्रतिभा को सामने ला रहे हैं। यह ह्रदय को छू लेने वाला प्रयास है कि उनके जैसे अभिनेता एक ऐसी फिल्म में काम कर रहे हैं जो कि एक अहम सामाजिक संदेश देती है। भारत विश्व के सबसे युवा देशों में एक है और यह हमारे लिये गर्व का विषय है कि हमारे देश में ऐसे समर्पित और जूझने वाले कुशल युवा हैं जिनके पास उद्यमिता का भी कौशल है और जो अपने काम के जरिये देश का सम्मान बढ़ा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं कामना करता हूं कि दोनों अभिनेताओं का समर्थन युवाओं को कौशल विकास के लिये प्रभावित एवं प्रोत्साहित करेगा ताकि वे अपने लिये बेहतर आजीविका कमा सकें और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल भारत के सपने को साकार करने में हमारी मदद कर सकें।”
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की अगुवाई वाले ‘कुशल भारत अभियान’ का उद्देश्य आधुनिक एवं परंपरागत दोनों ही तरह के रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का मानकीकरण, अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे का विकास और उद्योग जगत की भागीदारी सुनिश्चित करना, युवाओं को रोजगार के लिये ज्यादा उपयुक्त बनाने के लिये तकनीकी समर्थन मुहैया कराना और देश के युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों के सृजन करना है। इसकी वजह से प्रत्येक वर्ष एक करोड़ से ज्यादा युवा कुशल भारत अभियान से जुड़ कर बेहतर आजीविका के जरिये अपने जीवन को बदल रहे हैं।
वरुण धवन ने कहा, “हमारे हथकरघा कारीगरों, दस्तकारों और ऐसे अन्य कामगारों को संगठित और प्रशिक्षित कर और उन्हें वित्तीय सहायता और समर्थन उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री मोदी ने एक अद्भुत परिकल्पना एवं सच्ची दूरदर्शिता का परिचय दिया है। हम इस अभियान को समर्थन देने में गर्व अनुभव करते हैं और हम अपनी फिल्म सुई धागा के बेहद करीब महसूस करते हैं जो कि आत्म निर्भरता और उद्यमिता का उल्लास मनाती है।”
इस अवसर पर अनुष्का शर्मा ने कहा, “कुशल भारत अभियान सरकार के देश के प्रतिभाशाली कामगारों को समाहित करने और समर्थन देने के संकल्प को दर्शाता है। सुई धागा के निर्माण के समय हमें ऐसे कई प्रतिभाशाली और कुशल कामगारों की कहानी जानने का अवसर मिला जिन्हें अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर नहीं मिलता है।”
कुशल भारत अभियान ने अपनी कौशल एवं उद्यमिता विकास नीति के तहत कई अहम बदलाव किये हैं जैसे कि 1961 के अप्रेन्टिसशिप कानून में व्यापक परिवर्तन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लागू करना और इन दोनों कदमों का साझा उद्देश्य हमारे कामगारों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण उपलब्ध कराना और उनके कौशल को मान्यता देना है। पीएमकेवीवाई के तहत पहले अर्जित किये हुये कौशल और वर्षों तक किये काम के जरिये प्राप्त अनुभव को मान्यता देने का मंत्रालय का कार्यक्रम असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र में बदलकर व्यापक बदलाव ला रहा है।