हरियाणा के सीएम ने केन्द्रीय वित्त मंत्री पियूष गोयल को लिखी चिट्ठी
चंडीगढ़, 10 अगस्त : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैंक लॉकर्स में जमा मूल्यवान वस्तुओं के नुकसान के उत्तरदायित्व के मुद्दे की ओर केन्द्र सरकार का ध्यानाकर्षित करते हुए सुझाव दिया कि लॉकर्स में रखी बहुमूल्य वस्तुओं का खुलासा करना अनिवार्य किया जाए। इससे बैंक लॉकर्स को किराये पर लेने वाले लोगों के लिए आसानी से सामुहिक बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं।
केन्द्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी कारणवश इसे अव्यवहारिक माना जाता है तो ग्राहकों को कम से कम खुलासा करने का विकल्प दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बैंक इच्छुक ग्राहकों के सबसेट के लॉकर्स का बीमा नहीं करवाते हैं तो भी ऐसी कोई घटना घटित होने पर इससे बैंक और सरकार को दावों का त्वरित निपटान करने में मदद मिलेगी। उन्होंनेे कहा कि इस दिशा में यह एक बड़ा कदम होगा क्योंकि भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस तरह के नुकसान का आकलन करने के लिए अभी तक कोई मानदंड तैयार नहीं किया है। इसके अतिरिक्त, यह काले धन को रोकने और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के भारत सरकार के प्रशंसनीय अभियान के अनुरूप भी होगा।
इस संबंध में एक नीति तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर अत्यधिक विश्वास है। वे अपना कीमती सामान लॉकर्स में रखते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह एक सुरक्षित जगह है। फिर भी, कटु तथ्य यह है कि प्राकृतिक आपदा या आपराधिक कृत्य के कारण कीमती सामानों को हुए नुकसान के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होते। उन्होंने कहा कि इसके पीछे कानूनी तर्क लॉकर समझौते में गैर प्रकटीकरण खंड है जिसके अनुसार लॉकर्स को किराये पर लेने वाले लोगों को उन द्वारा लॉकर में रखी गई मूल्यवान वस्तुओं का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि अक्तूबर, 2014 में गोहाना में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में हुई लूटपाट ने इस संबंध में एक नीति तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया है।