गुरुग्राम । केंद्रीय गृह मंत्रलय के निर्देशन में राष्ट्रीय स्तर पर स्कूली बच्चों के लिए लागू की जाने वाली स्टूडेंट पुलिस कैडेट के राष्ट्रीय लांचिंग समारोह की तैयारी का लेने केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और हरियाणा पुलिस के एडीजीपी ने जायजा लिया। शहर के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में आयोजित रिहर्शल कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, पुलिस मॉडर्नाइजेशन , विवेक भारद्वाज ने व्यवस्था का विश्लेषण किया और कार्यक्रम की रूपरेखा पर नजर डाला। उन्होंने व्यवस्था में लगे जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक सुझाव भी दिए। इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर चंडीगढ़ मुख्यालय से एडीजीपी ए एस चावला, गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त के के राव एवं उपायुक्त विनय प्रताप सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि देश में विद्यार्थियों को बुनियादी कानून और पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी देने के लिए भारत सरकार द्वारा स्टूडेंट पुलिस कैडेट(एसपीसी) नामक नया कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम को लांचिंग आगामी 21 जुलाई को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह हरियाणा के गुरुग्राम से करेंगे। इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित प्रदेश के कई काबीना मंत्री भी शिरकत करेंगे।
गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त के के राव ने इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी एक दिन पूर्व पत्रकारों को दी थी। आईआरबी भौंडसी के पुलिस अधीक्षक कुलविन्द्र सिंह को इस कार्यक्रम के राष्ट्रीय लांच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
श्री राव के अनुसार यह एसपीसी कार्यक्रम आठवीं और नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए चलाया जाएगा, जिसमें उन्हें मानवता और सामाजिक गतिविधियों के साथ जोडक़र समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक ऐसा नागरिक जिसे देश के बुनियादी कानून की जानकारी हो और वह कानून का स्वेच्छा से पालन करे, समाज में दूसरो के लिए उसके मन मे जिम्मेदारी का अहसास हो और वह समाज के कमजोर वर्ग के प्रति दया का भाव रखता हो तथा सामुदायिक मुद्दे को हल करने में सहभागिता करे। पुलिस आयुक्त ने इसकी रूपरेखा के बारे में बताते हुए स्पष्ट किया था कि नौंवी कक्षा उत्तीर्ण करने पर एसपीसी के विद्यार्थियों के कैंप लगवाए जाएंगे जिनमे यह देखा जाएगा कि एसपीसी के प्रशिक्षण में उन्होंने कितना सीखा है।
उनके अनुसार एसपीसी कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं की क्षमताओं का सदुपयोग करते हुए उन्हें मानव मूल्यों के दृष्टिकोण के साथ समाज का अग्रणी नागरिक बनाना है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार विश्व मे सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या भारत में है। पुलिस की कार्यप्रणाली में भी अब आमूल चूल परिवर्तन हो रहा है और पुलिस एक एनफोर्समेंट एजेंसी से कानून को सुगमता से लागू करने वाली एजेंसी बनती जा रही है। इसलिए युवाओं में सामाजिक उत्तरदायित्व तथा समग्रता के साथ देश के अच्छे नागरिक बनने की भावना पैदा करना उद्द्ेश्य है। इसके साथ साथ युवाओं की समस्याओं का समाधान भी निकाला जाएगा। इन उद्देश्यों के साथ एसपीसी कार्यक्रम ‘शिक्षा- मूल्य-कानून’ को आपस में जोड़ते हुए विद्यालय प्रबंधन को स्कूलों का आत्मविश्वास से युक्त अनुशासित युवाओं के साथ सुरक्षित वातावरण तैयार करने में मदद करना है। इस कार्यक्रम में पुलिस के साथ काम करते हुए युवा अनुशासन, आत्म नियंत्रण, शारीरिक एवं मानसिक फिटनेस , अच्छा स्वास्थ्य विकसित करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विद्यालयोंं में पढ़ाने वाले शिक्षक कम्युनिटी पुलिस ऑफिसर्स(सीपीओ) तथा अपर सीपीओ के रूप में काम करेंगे, जिन्हें पुलिस द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए एक वार्षिक गतिविधि कलेंडर बनाया जाएगा तथा समय समय पर मॉनीटरिंग भी की जाएगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में अध्ययन कक्षाओं, शारीरिक प्रशिक्षण, फील्ड विजिट, एसपीसी कैंप, प्रैक्टिकल प्रौजेक्ट आदि को शामिल किया जाएगा। विद्यार्थियों को बुनियादी कानून और संविधान, संप्रेक्षण कौशल, आपदा प्रबंधन , स्वास्थ्य एवं स्वच्छता तथा जीवन में अपने लक्ष्य निर्धारित करना सीखाया जाएगा। जिला और राज्य स्तर पर समर कैंप लगाए जाएंगे। इसके अलावा,योग, क्रास कंट्री दौड़, ड्रिल और परेड भी शारीरिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। एसपीसी कैडेटों के प्रशिक्षण का मूल्यांकन करने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एसपीसी कार्यक्रम की गतिविधियों का उद्देश्य युवाओं में सामाजिक प्रतिबद्धता विकसित करने के साथ उन्हें बुराईयों के खिलाफ सशक्त बनाना है।