नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक पूर्व, मैट्रिक पश्चात तथा मेधा सह साधन आधारित छात्रवृत्ति योजनाओं को 5338.32 करोड़ रुपये की लागत से 2019-20 की अवधि तक जारी रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इससे प्रतिवर्ष 70 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
प्रमुख विशेषताएं:
योजनाओं की निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएं हैं:
· योजनाएं राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल (एनएसपी) के माध्यम से लागू की जाएंगी और छात्रवृतियों का वितरण प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीपी) रूप में किया जाएगा।
· लगभग 70 लाख छात्रवृतियां दी जाएंगी।
· छात्रवृतियां उन विद्यार्थियों को दी जाएंगी जिन्हें पहले की अंतिम परीक्षा में 50 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त नहीं हुए हैं।
· विद्यार्थी सरकारी स्कूलों / संस्थानों या मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों / संस्थानों में अध्ययनरत होना चाहिए।
· 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य / समुदाय के अनुसार लक्ष्य / आवंटन।
· केवल नई छात्रवृत्तियों के लिए भौतिक लक्ष्य तय किए जाते हैं।
· नई छात्रवृत्तियों के अतिरिक्त छात्रवृत्तियों का नवीकरण भी किया जाता है। नवीकृत छात्रवृत्तियां वैसे विद्यार्थियों के लिए हैं जिन्होंने पहले के वर्षों में छात्रवृत्तियां प्राप्त की हैं और जो पात्रता मानक पूरा करते हैं।
मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना:
· योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने (कक्षा 1 से 10) के लिए प्रेरित करना, स्कूली शिक्षा पर उनके वित्तीय बोझ को कम करनातथा उनके बच्चों की स्कूली शिक्षा पूरी करने में उनके प्रयासों को समर्थन देना है।
· माता-पिता / अभिभावक की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
· लक्ष्य – 30,00,000 नए आवेदकों के लिए