नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में आज 19 केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों, निदेशकों तथा प्रमुखों की एक दिवसीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के साथ, भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की नियमित मुलाकात का हिस्सा थी।
इस बैठक में जिन संस्थानों के प्रमुखों ने भाग लिया उनमें केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय; रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय; राष्ट्रीय औषध शिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान, अहमदाबाद; राष्ट्रीय औषध शिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान, गुवाहाटी; राष्ट्रीय औषध शिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान, हाजीपुर; राष्ट्रीय औषध शिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान, हैदाराबाद; राष्ट्रीय औषध शिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान, कोलकाता; राष्ट्रीय औषध शिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान, रायबरेली; राष्ट्रीय औषध शिक्षण तथा अनुसंधान संस्थान, एसएएस नगर, मोहाली, राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय, फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान, राष्ट्रीय अभिकल्प संस्थान, नालंदा विश्वविद्यालय; भारतीय समुद्रीय विश्वविद्यालय; राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान; भारतीय पेट्रोलियम एवं ऊर्जा संस्थान; राजीव गांधी पेट्रोलियम तथा प्रौद्योगिकी संस्थान और राजीव गांधी युवा विकास संस्थान शामिल थे।
समापन सत्र में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इन सभी संस्थानों का एक समृद्ध इतिहास है। इनमें से प्रत्येक उन सामाजिक तथा आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का माध्यम है, जो लक्ष्य भारत ने गरीबी निवारण के प्रयासों के लिए स्वयं निर्धारित किए हैं और मध्यम आय वर्ग वाला देश बन पाया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी विशेषज्ञता विकसित करने के दौरान इन संस्थानों को एक दूसरे से सहयोग करना चाहिए और शिक्षा लेनी चाहिए। ऐसा एक जैसी विधा वाले संस्थानों के लिए संभव है। उन्होंने इन संस्थानों के प्रमुखों से अनुरोध किया कि वे सहयोग के लिए कार्यात्मक एवं लक्ष्यबद्ध योजनाएं बनाएं।
राष्ट्रपति ने इन संस्थानों से आग्रह किया कि वे देश के अंदर तथा बाहर, अपने क्षेत्रों में तथा अन्य विश्वविद्यालयों के साथ सहभागिता बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ज्ञान को सीमित नहीं रखना चाहिए तथा सभी संस्थानों को एक-दूसरे के विकास में पारस्परिक सहयोग करना चाहिए।