नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल 12 जुलाई, 2018 को, सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) एवं डीडीयू-जीकेवाई तथा आरएसईटीआई के तहत स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के साथ सीधे संवाद करेंगे। इस संवाद से प्रधानमंत्री को सीधे स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के सदस्यों से डीएवाई-एनआरएलएम के तहत उनके द्वारा आरंभ किए गए विभिन्न कार्यकलापों तथा इसने उनके जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया है, यह जानने का अवसर मिलने की उम्मीद है। इस संवाद का दूरदर्शन द्वारा सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा एवं एनआईसी अपने नेटवर्क के माध्यम से इसे वेबकास्ट करेगा।
चुने हुए कुछ लाभार्थियों में बिहार का शराब विरोधी आंदोलन, मक्का मूल्य श्रृंखला एवं विपणन, छत्तीसगढ़ की ईट निर्माण इकाई, झारखण्ड का बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट सखी एवं इमली मूल्य श्रृंखला तथा विपणन, मध्य प्रदेश का सेनेटरी नैपकिन का विनिर्माण एवं विपणन तथा डीडीयू-जीकेवाई, राजस्थान का सोलर पैनल एवं लैम्प का विनिर्माण एवं विपणन, महाराष्ट्र का पशु सखी एवं डीडीयू-जीकेवाई, जैसे स्वयं सहायता समूह शामिल हैं जो प्रत्यक्ष संवाद में भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु के दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए युक्तियां, तेलंगाना के एसएचजी के निर्माण के लिए बाहरी समुदाय संसाधन व्यक्ति, जम्मू एवं कश्मीर के डेरी फॉर्म तथा गुजरात के नीम बीजों का संग्रह एवं विपणन भी संवाद का हिस्सा होंगे।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-एनआरएलएम महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़े संस्थागत मंच के रूप में उभरा है। इस मिशन ने अब 29 राज्यों एवं 5 केंद्र शासित राज्यों में 600 जिलों में फैले प्रखण्डों (ब्लॉक) में कार्यान्वयन आरंभ कर दिया है। मई, 2018 तक 45 लाख स्वयं सहायता समूहों में 5 करोड़ से अधिक महिलाओं को संगठित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 2.48 लाख ग्रामीण संगठनों तथा 20 हजार क्लस्टर स्तर संघों का भी उन्ययन किया गया है।