हरियाणा के सभी विभागों में ग्रुप डी की बम्पर भर्ती होगी, वर्टिकल और हॉरिजोंटल आरक्षण के अनुसार वेकैंसी भेजने के निर्देश

Font Size
चंडीगढ़, 26 जून- हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग को ग्रुप-डी पदों की भर्ती के संबंध में भेजे जाने वाली मांग के बारे में दिशा-निर्देश व निर्देश जारी किये हैं जिसमें सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वर्टिकल और हॉरिजोंटल आरक्षण सहित व्यापक भर्ती अभियान चलाया जाएगा।
इस संबंध में एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस बारे में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा राज्य के सभी प्राशसनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों, निगमों, बोर्डों के मुख्य प्रशासक व प्रबंध निदेशकों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, राज्य के मंडल आयुक्तों, उपायुक्तों, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रारों को एक पत्र भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि सभी विभागों को इन दिशा-निर्देशों के अनुसरण की सलाह दी गई है, जब वे ग्रुप-डी पदों के लिए अपनी मांग भेजेंगे
वर्टिकल आरक्षण के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मान लीजिए कि किसी काडर में 100 पद हैं और उसमें एससी, बीसीए और बीसीबी श्रेणी के लिए क्रमश: 20, 16 और 11 प्रतिशत आरक्षण होगा। उन्होंने बताया कि यदि संबंधित काडर में पदों की संख्या है तो इन पदों की संख्या की 20, 16 और 11 प्रतिशत आरक्षण अनुसार के तहत गणना नहीं की जाएगी। मान लीजिए, यदि कुल 69 पद हैं, तो वहां 13 पद एससी श्रेणी के लिए आरक्षित होंगे। जबकि बीसीए और बीसीबी के लिए रोस्टर प्वाइंट के अनुसार क्रमश: 11 व 7 पदों की गणना होगी।
हॉरिजोंटल आरक्षण के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हॉरिजोंटल आरक्षण में ईएसएम, ईएसपी, पीडब्लयूडी, स्वतंत्रता सेनानी की श्रेणियां हैं। उन्होंने बताया कि हॉरिजोंटल आरक्षण में ईएसएम श्रेणी है, जिसे आगे सामान्य व अनारक्षित के लिए 7 प्रतिशत, एससी के लिए 2 प्रतिशत, बीसीए के लिए 2 प्रतिशत और बीसीबी के लिए 3 प्रतिशत में बांटा गया है। ईएसएम के लिए रोस्टर प्वाइंट उपलब्ध है। हॉरिजोंटल आरक्षण संबंधित वर्टिकल आरक्षण का भाग है, जिसमें साफ कहा गया है कि यह पेरैंट श्रेणी में शामिल है और किसी भी प्रकार से इसे वर्टिकल आरक्षण के तौर पर लिया नहीं जा सकता। यदि कोई ईएसएम आवेदक बिना किसी छूट के मैरिट पर चयनित होता है तो उसे रोस्टर प्वाइंट के हॉरिजोंटल आरक्षण के तहत लिया जाएगा। उदाहरण के तौर पर इस श्रेणी में एससी के लिए 20 पद आरक्षित हैं, जिसमें ईएसएम (एससी) के लिए दो पद होंगे जबकि ईएसएम (एससी) का एक पद मैरिट के आधार पर चयनित होगा, तब एक आवेदक का नाम मैरिट सूची के एससी उम्मीदवार की श्रेणी से हटाया जाएगा और ईएसएम (एससी) में जोड़ा जाएगा। यदि उपयुक्त ईएसएम उम्मीदवार नहीं मिलता है तो ईएसएम के आश्रितों पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पात्र खिलाडिय़ों के लिए भी हॉरिजोंटल आरक्षण है, जिसे आगे सामान्य व अनारक्षित के लिए 5 प्रतिशत, एससी के लिए 2 प्रतिशत, बीसीए के लिए 2 प्रतिशत और बीसीबी के लिए 1 प्रतिशत में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि ग्रुप-डी में नि:शक्तों के लिए भी 4 प्रतिशत का आरक्षण है, जिसे आगे नहीं बांटा गया है। यदि कोई नि:शक्त व्यक्ति सामान्य श्रेणी की रिक्ती के विरूद्ध चयनित होता है तो उसे नि:शक्त कोटा में नहीं माना जाएगा और उसे सामान्य व अनारक्षित के तौर पर माना जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में 4 प्रतिशत आरक्षण का कोटा रहेगा और इस कोटे को शेष नि:शक्तजनों को मैरिट के आधार पर भरा जाएगा। यदि कोई आवेदक नि:शक्त है और वह ओएसपी और ईएसपी में भी आता है तो उसे पहले नि:शक्त श्रेणी में माना जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि ग्रुप-डी में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों व नाती-पोतों इत्यादि के लिए 2 प्रतिशत का आरक्षण है और इस श्रेणी को आगे नहीं बांटा गया है। उन्होंने बताया कि दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बैकलॉग एससी और बीसी में तभी लागू होगा जब आरक्षण वर्टिकल में चल रहा है और पदानुसार है।

You cannot copy content of this page