अब राज्य सरकारों की सिफारिश की कोई आवश्यकता नहीं, केवल अपनी उपलब्द्धियाँ बताएं
सुभाष चौधरी/प्रधान सम्पादक
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए शिक्षकों के चयन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सीधे तौर पर अपनी प्रवष्टियां भेज सकते हैं। यह एक नई पहल है। इससे पहले प्रवष्टियों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता था। शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने का उद्देश्य देश में कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का उत्सव मनाना और वैसे शिक्षकों को सम्मानित करना है जिनके संकल्प से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है बल्कि उनके विद्यार्थियों का जीवन भी समृद्ध हुआ है।
- पुरस्कारों पर विचार के लिए शिक्षकों की पात्रता शर्तें :
- निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत प्राथमिक/मिडिल/उच्च/उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक और स्कूलों के प्रमुख:
- राज्य सरकार/केन्द्रशासित प्रशासन द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल, स्थानीय निकायों के स्कूल, राज्य सरकार तथा केन्द्रशासित प्रशासन के सहायता प्रदत्त स्कूल
- केन्द्र सरकार के स्कूलों यानी केंद्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), तिब्बती लोगों के केन्द्रीय विद्यालय (सीटीएसए), रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी (एईईएस) के स्कूल
- केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूल
- उपरोक्त ((क) तथा (ख) के अतिरिक्त)
- काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल्स सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सीआईएससीई) से संबद्ध स्कूल ((क), (ख) तथा (ग) के अतिरिक्त))
- सामान्य रूप से सेवा निवृत्त शिक्षक पुरस्कार के पात्र नहीं होते, लेकिन कैलेंडर वर्ष (कम से कम छह महीनों के लिए यानी जिस वर्ष का राष्ट्रीय पुरस्कार है उस वर्ष के 30 अप्रैल तक) के हिस्से में सेवा देने वाले शिक्षक की पात्रता पर विचार किया जाएगा बशर्ते ऐसे शिक्षक अन्य शर्तें पूरी करते हैं।
- शैक्षिक प्रशासकों, शिक्षा निरीक्षकों तथा प्रशिक्षण संस्थान के कर्मी इन पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।
- शिक्षक/हेडमास्टर ट्यूशन की गतिविधि में शामिल नहीं होने चाहिए।
- केवल नियमित शिक्षक और स्कूल के प्रमुख पात्र होंगे।
- संविदा शिक्षक और शिक्षा मित्र पुरस्कार के पात्र नहीं होंगे।
- विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों के चयन को निर्देशित करने पर विचार:
संलग्नक – I में दिए गए मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन मैट्रिक्स में मूल्यांकन के लिए मानक के दो प्रकार हैं:
- वस्तुनिष्ठ मानक:इसके अंतर्गत प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानक के लिए शिक्षकों को अंक दिए जाएंगे। इस मानक में 100 में से 20 भारांक दिया जाता है।
- कार्य प्रदर्शन पर आधारित मानक: इसके अंतर्गत शिक्षकों के कार्य प्रदर्शन पर अंक दिए जाएंगे। इन कार्य प्रदर्शनों में शिक्षा ग्रहणों में सुधार की पहल, किए गए नवाचारी प्रयोग, अतिरिक्त और पाठ्यक्रमों से संबंधित गतिविधियों का आयोजऩ टीचिंग लर्निंग सामग्री का उपयोग, सामाजिक सक्रियता, प्रयोगात्मक लर्निंग सुनिश्चित करना तथा विद्यार्थियों को शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं। इन मानकों को 100 में से 80 भारांक दिया जाता है।
- आवेदन और चयन के लिए प्रक्रिया
- सभी आवेदन ऑनलाइन वेबपोर्टल के माध्यम से प्राप्त किए जाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की समग्र रेख-देख में सीआईईटी, एनसीईआरटी की सहायता से पोर्टल का विकास तथा प्रबंधन कार्य भारतीय प्रशासनिक स्टॉफ कॉलेज (एएससीआई) द्वारा किया जाएगा।
- एएससीआई पोर्टल में समय से प्रविष्टि तथा पोर्टल में डाटा एंट्री के दौरान तकनीकी और संचालन कठिनाइयों का समाधान के लिए राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय सुनिश्चित करेगा।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय पोर्टल के विकास और रख-रखाव का पूरा खर्च वहन करेगा।
- राज्य/केन्द्रशासित प्रदेशों के मामले में शिक्षक और स्कूलों के प्रमुख निर्धारित तिथि से पहले वेबपोर्टल के माध्यम से स्वयं ऑनलाइन आवेदन भर कर सीधे तौर पर आवेदन कर सकते हैं।
- प्रत्येक आवेदनकर्ता एंट्री फॉर्म के साथ ऑनलाइन पोर्टफोलियो प्रस्तुत करेंगे। इस पोर्टफोलियो में दस्तावेज, उपकरण, गतिविधियों की रिपोर्ट, फील्ड दौरा, फोटो, ऑडियो या वीडियो आदि शामिल होंगे।
- आवेदन द्वारा हलफनामा: प्रत्येक आवेदनकर्ता हलफनामा देंगे कि उनके द्वारा दी गई सभी सूचना/डाटा उनकी जानकारी में सही है और यदि कोई जानकारी किसी भी समय गलत पाई जाती है तो आवेदनकर्ता के विरुद्ध अनुशासन की कार्यवाई की जाएगी।
- जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिलाचयन समिति (डीएससी) प्रथम स्तर पर जांच कार्य करेगी। डीएससी के निम्नलिखित सदस्य होंगे:-
- जिला शिक्षा अधिकारी : अध्यक्ष
- राज्य /केन्द्रशासित प्रदेश के प्रतिनिधि: सदस्य
- जिला कलक्टर द्वारा मनोनीत एक प्रसिद्ध शिक्षाविद : सदस्य
- डीएससी द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
- सत्यापन दल गठित करके आवेदक द्वारा प्रस्तुत तथ्य/सूचना का भौतिक सत्यापन
- संलग्नक 1 में दिए गए फॉर्मेट के अनुसार आवेदकों का मूल्यांकन/अंक देना
- डीएससी द्वारा प्रमाण पत्र : डीएससी प्रमाणित करेगी कि तथ्यों की उचित जांच के बाद अंक दिए गए हैं।
- आवेदनों के विस्तृत मूल्यांकन के बाद डीएससी तीन नामों को चुनेगी और इन्हें राज्य चयन समिति को तीनों आवेदनों के सतर्कता मंजूरी प्रमाण पत्रों के साथ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भेजेगी।
- इन आवेदनों के प्राप्त करने के अतिरिक्त असाधारण परिस्थितियों में डीएससी स्वयं विशेष शिक्षकों तथा दिव्यांग शिक्षकों/स्कूलों के प्रमुखों सहित असाधारण शिक्षकों में से अधिक से अधिक एक व्यक्ति के नाम पर विचार करेगा। संलग्नक 1 में दिए गए फॉर्मेट के अनुसार मूल्यांकन कार्य किया जाएगा।
- डीएससी विज्ञान, कला, संगीत, शारीरिक शिक्षा जैसी धाराओं में शिक्षकों के कार्य प्रदर्शन को ध्यान में रख सकती है।
राज्य चयन समिति (एसएससी)
- राज्य चयन समिति (एसएससी) की अध्यक्षता राज्य शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव करेंगे। एसएससी के सदस्य इस प्रकार हैं:
- राज्य शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव/सचिवः अध्यक्ष
- केंद्र सरकार द्वारा मनोनीतः सदस्य
- शिक्षा निदेशक/आयुक्तः सदस्य सचिव
- निदेशक, एससीईआरडी या एससीईआरटी नहीं होने पर उनके समानः सदस्य
- एसएससी द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य इस प्रकार हैं:
- सभी डीएससी से प्राप्त तथ्यों/सूचनाओं/अंकों के नामांकनों का पुनः सत्यापन।
- सभी नामांकनों का मूल्यांकन और सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन, जो अनुलग्नक-2 के तहत राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को आवंटित अधिकतम संख्या पर निर्भर है और उस सूची को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जूरी के पास भेजना।
संगठन चयन समिति (ओएससी) (अन्य संगठनों के लिए)
- ओएससी का संयोजन इस प्रकार है:
- संगठन के अध्यक्ष/निदेशक/आयुक्त/संगठन प्रमुखः अध्यक्ष
- अध्यक्ष द्वारा मनोनीत संगठन के एक अधिकारी
- केंद्र सरकार द्वारा मनोनीतः सदस्य
- अध्यक्ष द्वारा नियुक्त एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद्: सदस्य
- ओएससी द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:
- संगठन नामांकन के लिए उनकी आंतरिक प्रक्रियाओं का पालन कर सकते हैं।
- सभी नामांकनों का मूल्यांकन और अनुलग्नक-2 के तहत संगठनों को आवंटित अधिकतम संख्या के आधार पर सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों की सूची तैयार करना और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उसे राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जूरी के पास भेजना।
राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जूरी
- विद्यालयी शिक्षा और साक्षरता विभाग, एमएचआरडी से सेवानिवृत्त सचिव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जूरी सभी 36 एसएससी और 7 ओएससी द्वारी भेजी गई उम्मीदवारों की सूची की समीक्षा करेगी और फिर से मूल्यांकन करेगी।
- क. हर नामित को जूरी के सामने प्रस्तुतीकरण देने की जरूरत है।
- ख. जूरी को सूची में से अधिकतम 45 नामों का चयन करना होगा। (दिव्यांग शिक्षकों आदि विशेष श्रेणी के 2 उम्मीदवारों को मिलाकर)
- ग. नामित शिक्षकों को टीए/डीए का भुगतान एमएचआरडी द्वारा किया जाएगा।
- घ. जूरी को सचिव संबंधी सहायता एनसीईआरडी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
- अन्य सभी पुरस्कारों को इसी पुरस्कार में मिला दिया गया है।
- प्रस्तावित समयसीमा इस प्रकार सुझाई गई हैः
- क. वेब पोर्टल पर आवेदन करने की समय सीमा-15 जून से 30 जून, 2018 तक। समाचार पत्रों में विज्ञापन, सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक आदि) के माध्यम से और शिक्षकों और राज्य शिक्षा विभागों आदि को सीधे ई-मेल भेजकर व्यापक स्तर पर प्रचार करना।
- ख. राज्य चयन समिति नामित उम्मीदवारों की सूची 15 जुलाई, 2018 तक सीधे राज्य चयन समिति को भेजेगी।
- ग. राज्य चयन समिति द्वारा बनाई गई सूची 31 जुलाई, 2018 तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जूरी को भेजनी होगी।
- घ. एमएचआरडी द्वारा जारी सभी पत्र/संवाद ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से छांटे गए उम्मीदवारों को 3 अगस्त तक कर दिया जाएगा।
- ङ. स्वतंत्र राष्ट्रीय जूरी द्वारा 30 अगस्त, 2018 तक नामों को अंतिम रूप देना होगा।