नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज साइबर जगत के अपराध की नई चुनौतियों के प्रति सावधान रहने और साइबर सुरक्षा में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा है। गृह मंत्रालय में एक समीक्षा बैठक में उन्होंने अनैतिक गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने पर चिंता व्यक्त की और इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों की दक्षता बढ़ाने का निर्देश दिया।
राजनाथ सिंह ने संवेदनशील क्षेत्रों में प्रस्तावों की त्वरित सुरक्षा मंजूरी के लिए किये गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि 4 साल पहले प्रस्तावों की स्वीकृति की औसतन अवधि 120 दिनो थी, जो अब घटकर 53 दिन की हो गई है। उन्होंने प्रस्तावों की प्रक्रिया के लिए प्रशासनिक मंत्रालयों के साथ समन्वय कर ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग करते हुए मंजूरी देने के समय को और कम करने का निर्देश दिया। इससे दक्षता और निगरानी बढ़ेगी।
बाल यौन चित्रण और अन्य अश्लील सामग्री फैलाने के लिए अत्यधिक इंटरनेट के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए गृह मंत्री ने साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करने के लिए जल्द ऑनलाइन पोर्टल लांच करने का निर्देश दिया। इसके जरिए पीड़ित राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में शिकायत दर्ज कर सकेंगे, जिसकी जांच तथा ऐसी सामग्री को हटाने के लिए कार्रवाई संबंधित एजेंसियों द्वारा की जाएगी।
राजनाथ सिंह ने बढ़ते साइबर अपराधों के खिलाफ अधिक सतर्कता बरतने और गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी संगठनों के आईटी बुनियादी ढांचे का नियमित साइबर ऑडिटिंग करने को कहा। उन्होंने सरकारी क्षेत्र के राष्ट्रीय सूचना सुरक्षा नीति और दिशा-निर्देश (एनआईएसपीजी) के आधुनिकीकरण और उन्नयन का भी निर्देश दिया। उन्होंने फोन के जरिये धोखाधड़ी कर भोली-भाली जनता से धन ठगने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए जन जागरूकता बढ़ाने और ऐसी जालसाजी रोकने के लिए संस्थागत ढांचे को सुदृढ़ करने पर बल दिया।
बैठक में गृह राज्यमंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर, केंद्रीय गृह सचिव श्री राजीव गाबाऔर गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।