घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों को बंद करेगी मोदी सरकार , संपत्ति बेच कर होगी घाटे की भरपाई

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चल एवं अंचल संपत्तियों के निपटारे के लिए संशोधित दिशानिर्देशों को मंजूरी 

 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आज मंत्रिमंडल ने बीमारू/घाटे में चल रहे केन्‍द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) को समयबद्ध तरीके से बंद करने एवं उनकी चल एवं अंचल संपत्तियों के निपटारे के लिए सार्वजनिक उपक्रम विभाग (डीपीई) के संशोधित दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है। संशोधित दिशानिर्देशों से बीमारू/घाटे में चल रहे केन्‍द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की योजनाओं को लागू करने में हो रही देरी से निपटने में मदद मिलेगी। ये दिशानिर्देश डीपीई द्वारा सितम्‍बर 2016 में जारी दिशा निर्देश की जगह लेंगे।

 

इन दिशानिर्देशों से सीपीएसई को बंद करने के लिए विभिन्‍न प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने के लिए एक व्‍यापक ढांचा उपलब्‍ध होगा। इसके तहत सीपीएसई को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए महत्‍वपूर्ण पड़ाव, इस प्रक्रिया से संबंधित मंत्रालयों/विभागों/सीपीएसई आदि की जिम्‍मेदारियां तय होंगी। इन दिशानिर्देशों के तहत प्रशासनिक मंत्रालयों/विभागों एवं सीपीएसई द्वारा कार्य योजना पहले से ही तैयार करने, सीपीएसई को बंद करने का प्रस्‍ताव तैयार करने, वैधानिक मुद्दों एवं अन्‍य दायित्‍व तय करने और इन सीपीएसई की चल एवं अचल संपत्तियों को समयबद्ध तरीके से निपटाने में मदद मिलेगी।

 

इन दिशानिर्देशों के तहत बंद होने केन्‍द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की भू-संपत्तियों के इस्‍तेमाल में आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (एमओएचयूए) के संबद्ध दिशानिर्देशों के तहत किफायती आवासीय परियोजनाओं में किया जाएगा। चूंकि इन केन्‍द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में कर्मचारी अभी भी कार्यरत हैं, इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि उन्‍हें कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। इसी क्रम में सभी कार्यरत कर्मचारियों को 2007 के राष्‍ट्रीय वेतन भत्‍ते पर वीआरएस देने के लिए एकसमान नीति तैयार की जा रही है।

 

ये दिशानिर्देश उन सभी बीमारू/घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों पर लागू होंगे, जो –

I. प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग को बंदी के प्रस्‍ताव के लिए सीसीईए/मंत्रिमंडल से मंजूरी/सैद्धांतिक मंजूरी हासिल कर चुके हों। अथवा II.

प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग को बंदी के प्रस्‍ताव के लिए सीसीईए/मंत्रिमंडल से मंजूरी/सैद्धांतिक मंजूरी हासिल कर चुके हों। अथवा II.

II. सीपीएसई को बंद करने के लिए प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग के निर्णय के बाद प्राधिकृत अधिकारी से मंजूरी लेने की प्रक्रिया में हों।
किफायती आवास को प्राथमिकता देते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित सरकार के प्रमुख किफायती आवास कार्यक्रम के लिए बंद होने वाले बीमारू/घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों की भूखंड उपलब्‍ध होंगे।

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