राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारियों को आर्थिक कूटनीति का मंत्र दिया

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नई दिल्ली। भारतीय विदेश सेवा (2017 बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज (6 जून 2018) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेट की।

प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे भारतीय विदेश सेवा में एक रोमांचक समय में शामिल हो रहे हैं। भारत अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार कर रहा है। हम लोग विश्व के प्रत्येक हिस्से में अपने हितों की सुरक्षा कर रहे हैं। वैश्विक शांति सुरक्षा और प्रगति को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों के संदर्भ में हम नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं; चाहे आतंकवाद के खिलाफ लडाई हो या जलवायु परिवर्तन ने लड़ने के लिए किये जाने वाले प्रयास हों। हमारी आकांक्षाओं ने भारतीय विदेश सेवा को नई जिम्मेदारियां दी हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशिक्षु अधिकारी अवसर का सर्वाधिक उपयोग करेंगे।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि आज विश्व का प्रत्येक हिस्सा एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। आंतरिक कार्यों के लिए भी कूटनीति एक आवश्यक घटक हो गयी है। देश की प्रगति व विकास के प्रत्येक आयाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़ा हुआ है। चाहे स्वच्छ ऊर्जा हो, डिजिटल इंडिया हो, स्किल इंडिया हो, मेक इन इंडिया हो या उच्च गतिवाले रेल नेटवर्क का निर्माण हो। इस प्रकार आर्थिक कूटनीति हमारे लिए एक प्राथमिकता है।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों के कार्य पूरी तरह स्पष्ट हैं। हमारी विकास संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इन्हें हमारे सभी मित्रों और सहयोगियों के साथ मजबूत संबंध बनाये रखना है। आपको वैश्विक प्रशासनिक संरचना से जुड़ना है, इस पर विचार-विमर्श करना है और इसे पुनर्निमित करना है ताकि हमारे हितों को समाहित किया जा सके तथा इसे बेहतर तरीके से प्रतिबिंबित किया जा सके।

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