न्यू पालम विहार के दर्जनों परिवारों के लिए हैवान बन गया गुरुग्राम का हुडा प्रशासन !

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डी टी पी एन्फोर्समेंट ने भारी पुलिस बल के सहारे लोगों को किया दर-बदर

महिलायें व बच्चे बेबस देखते रहे और उनके मकानों पर पीले पंजे चलते रहे

हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद फाइनल सेटलमेंट पर हुडा ने नहीं किया अमल  

मकानों से सामान निकालने का 24 घंटे का भी वक्त नहीं दिया

शुक्रवार शाम को खाली करने का नोटिस जबकि शनिवार सुबह छह बजे कार्रवाई शुरू

हाई कोर्ट के स्टे आर्डर दिखाने में हुई देरी तब तक दर्जनों मकान गिरा दिए   

 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक

न्यू पालम विहार के दर्जनों परिवारों के लिए हैवान बन गया गुरुग्राम का हुडा प्रशासन ! 2गुड़गांव :  द्वारका एक्सप्रेसवे के किनारे गगन चुम्बी इमारतों को सुविधा सम्पन्न करने के लिए शनिवार को शहर के न्यू पालम विहार कालोनी के दर्जनों मकानों को भारी पुलिस बल के सहारे हुडा प्रशासन की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया गया. महिलाए, बच्चे व बूढ़े अपनी गाढ़ी कमाई से लगभग 12 से 20 साल पूर्व बनाए अपने आशियाने को जमींदोज होते बेबस नजरों से देखते रहे. इन्हें आज अदालत का आदेश भी नहीं बचा पाया क्योंकि  हाई कोर्ट के स्टे आर्डर की प्रति दिखाने में देर हो गयी . गुरुग्राम के भ्रष्ट हुडा/प्रशासनिक/एन्फोर्समेंट तंत्र का पीला पंजा उनके मकानों पर इस कदर चलता रहा जैसे उन पर हैवानियत सवार हो. लाख आरजू मिन्नत के बाद भी एक्सप्रेस वे के रास्ते में आने वाले 77 मकानों में से अधिकतर को तोड़फोड़ दस्ते ने पुलिस की लाठियों के सहारे मिटटी में मिला कर दम लिया. हाई कोर्ट के निर्देश पर हुए फाइनल सेटलमेंट पर अमल नहीं करने वाले हुडा और डी टी पी ने इन्हें घरों से सामान निकालने का 24 घंटे का वक्त भी नहीं दिया . नजारा इतना विभत्स था जैसे उनके लिए आज इंसानियत मर चुकी थी क्योंकि अपने ही हरियाणा प्रदेश के लोगों को बेघर करने पर पूरा प्रशासन आमदा दिखा. महिलाओं के साथ मारपीट और घर से दर बदर करने के प्रशासन के काले कारनामे ने भाजपा सरकार के प्रति आम लोगों के विश्वास को हिला कर रख दिया. लेकिन खबर है कि देश के सभी ग़रीबों को 2022 तक मकान देने की बात करने वाले प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी न्यू पालम विहार के 77 परिवारों का घर गिरवा कर इस सड़क के पुन: निर्माण का शिलान्यास करने वाले हैं.न्यू पालम विहार के दर्जनों परिवारों के लिए हैवान बन गया गुरुग्राम का हुडा प्रशासन ! 3

नेशनल हाई वे घोषित 

उल्लेखनीय है कि एन एच 8 और द्वारका दिल्ली को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेस वे को अब केंद्र सरकार ने नेशनल हाई वे घोषित कर दिया है. इससे पूर्व इसका निर्माण स्टेट हाई वे के रूप में किया जा रहा था जो कई वर्षों बाद अपूर्ण रहा. लेकिन नेशनल हाई वे घोषित होने के बाद केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत ने बयान जरी कर कहा था कि इसका शिलान्यास पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे. इस निर्णय के बाद से ही राज्य सरकार पर दबाव था कि इसके सामने आने वाली अडचनों को जल्द दूर किया जाए. इससे सम्बंधित मामला हाई कोर्ट में लंबित है लेकिन आज गुरुग्राम हुडा प्रशासन ने इस अड़चन को दूर कर वाहवाही लूटने का नायब ही नहीं इंसानियत को शर्मसार करने वाला तरीका अपनाया जो न केवल अव्यावहारिक था बल्कि गैर कानूनी भी था. हजारों की संख्या में पुलिस बल और रेपिड एक्शन फ़ोर्स के साये में दरजनों जे सी बी ने शनिवार सुबह छह बजे ही हमला बोल दिया. 77 परिवारों को आज सुबह की चाय पीने और भोजन बनाने तक का वक्त भी नहीं दिया.  

 न्यू पालम विहार के दर्जनों परिवारों के लिए हैवान बन गया गुरुग्राम का हुडा प्रशासन ! 4डीटीपी एन्फोर्समेंट की अव्यावहारिक जिद

लगभग 10 वर्ष से भी अधिक समय से अपने मकानों को बचाने की जुगत में लगे न्यू पालम विहार के ये 77 परिवार आज न्यायालय से स्टे लेकर भी गुरुग्राम हुडा प्रशासन और डीटीपी एन्फोर्समेंट की अव्यावहारिक जिद के आगे हारते नजर आये. इन लोगों का कहना है कि डीटीपी एन्फोर्समेंट की ओर से शुक्रवार शाम तीन बजे सभी घरों को खाली करने का नोटिस थमाया और शनिवार सुबह छह बजे ही पूरे अमले के साथ मकानों को गिराने पहुँच गए. लोगों को अपने जरूरी सामान भी निकालने की मोहलत नहीं दी बावजूद इसके कि इनका मामला हाई कोर्ट में लंबित है. लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने जानबूझ कर मकान गिराने का दिन शनिवार चुना जिससे अदालत का दरवाजा खटखटाना संभव नहीं हो.

20 मई 2015 को निर्णय आया था न्यू पालम विहार के दर्जनों परिवारों के लिए हैवान बन गया गुरुग्राम का हुडा प्रशासन ! 5

बताया जाता है कि द्वारका एक्सप्रेस वे के निर्माण का विवाद न्यू पालम विहार के निवासियों के साथ काफी पुराना है. इस सम्बन्ध में वर्ष 2008 से 2014 तक अलग अलग कई माले हाई कोर्ट में दायर किए गए.  सभी मामले की सामूहिक सुनवाई जस्टिस सतीश कुमार मित्तल और जस्टिस हरिंदर सिंह सिद्धू की बेंच में हुई. अदालत ने सभी पीड़ित पक्ष और हरियाणा सरकार की दलील सुनने के बाद 20 मई 2015 को अपना निर्णय दिया. हाई कोर्ट के निर्देशन में दोनों पक्षों के बीच एक सेटलमेंट हुआ जिसे हाई कोर्ट ने मानते हुए इस मामले को सुलझाने का आदेश जारी किया. तब सरकार ने अदालत के समक्ष दोनों पक्षों के बीच 18 मई 2015 को हुए फाइनल सेटलमेंट का पूरी तरह पालन करने का वायदा किया था. हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में साफ़ कर दिया था कि इस सेटलमेंट के नोडल ऑफिसर सह हुडा प्रशासक गुडगाँव इसके पालन की व्यवस्था करेंगे और इसमें जी पी ए /एस पी ए और एग्रीमेंट टू सेल वाले मकानों को भी इसमें कवर करेंगे. इसके लिए अदालत ने सूरज लैंप वर्सेज हरियाणा सरकार के मामले में आये निर्णय को ध्यान में रखने का आदेश दिया था.

न्यू पालम विहार के दर्जनों परिवारों के लिए हैवान बन गया गुरुग्राम का हुडा प्रशासन ! 6सेटलमेंट का पालन आज तक हुडा की ओर से नहीं

आज गुरुग्राम के डी टी पी एन्फोर्समेंट की हैवानियत का शिकार हुए न्यू पालम विहार के सी ब्लोक के लोगों का कहना है कि उक्त सेटलमेंट का पालन आज तक हुडा की ओर से नहीं किया गया है. सेक्टर 110 ए में प्लाट दिखाए गए और ड्रा भी किया गया लेकिन आवंटित नहीं किया गए. आज मकानों को गिराने आये अधिकारियों ने जी पी ए वाले मकान मालिकों को इसके बदले प्लाट देने से साफ़ मना कर दिया.  

फाइनल सेटलमेंट में क्या था ? 

हाई कोर्ट के निर्देश दोनों पक्षों के बीच जो फाइनल सेटलमेंट हुआ था उसके अनुसार आदेश के नौ माह के अन्दर इसे अमल में लाना था. इसमें न्यू पालम विहार , चौमा और खुसरूपुर के लिए सेक्टर 110 ए में प्लाट देने की बात थी जबकि अन्य इलाके जिनमें टेक चाँद नगर और अन्य कालोनी हैं के लिए सेक्टर 37 सी में. इनमें 2, 4, 6, 8, 10, 14 मरला और एक कनाल के प्लाट चिन्हित किये गए थे जिसकी तस्दीक हुडा की ओर से की गयी थी. सेटलमेंट में यह भी कहा गया था कि द्वारका एक्सप्रेस वे के लिए मकानों व प्लाट को अधिग्रहित करने के लिए सेक्शन 4 का नोटिस जारी करने की तिथि ही इन्हें वैकल्पिक प्लाट देने की अंतिम तिथि भी होगी. इसके लिए प्लाट के रेट और उनके भुगतान के तौर तरीके भी स्पष्ट कर दिए गए थे. यहाँ तक कहा गया था कि सेटलमेंट के तीन सप्ताह के अन्दर ही वैकल्पिक प्लाट देने का लेआउट प्लान तैयार करना होगा जिसकी अंतिम तिथि 15 जून 2015 थी. चार सप्ताह के अन्दर या 31 जुलाई 2015 तक इसका डिमार्केशन करना था. 12 सप्ताह या 15 अगस्त 2015 तक सभी पीड़ित पक्ष को प्लाट आवंटित किया जाना तय था. उसके तत्काल बाद उसका पोजीशन देने को कहा गया था और 10 से 15 दिनों के अन्दर उनके नक़्शे पास करने को कहा गया था. सेटलमेंट के 6 से 9 माह के भीतर उन इलाके में सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने का वायदा हुडा की ओर से किया आगे था .

इसमें यह भी साफ़ कर दिया गया था कि खाली प्लाट वाले अपना पोजीशन तत्काल ले लेंगे जबकि मकान बने हुए प्लाट धारक 31 जनवरी 2016 को या पोजीशन के छह माह बाद लेंगे.

जिन मकानों में बिजली के मीटर लगे हैं सेटलमेंट के मुताबिक़ वही मीटर उनके वैकल्पिक घरों में डी एच बी वी एन द्वारा लागए जायेंगे. इसमें जी पी ए / एस पीए/एग्रीमेंट टू सेल और यहाँ तक की विल होल्डर्स भी हुडा प्रशासक के समक्ष अपने ओनर शिप क्लेम करने को अधिकृत किया गए थे. इसे 15 दिन से एक माह में निपटाने की शर्त तय थी. सेक्टर 110 ए में दिए जाने वाले प्लाट की कीमत रु. 25,715/- प्रति स्कवायर गज और सेक्टर 37 सी में रु. 36 000/- प्रति स्कवायर गज तय की गयी थी.

 

जीपीए वाले मकान अब तक अधर में  न्यू पालम विहार के दर्जनों परिवारों के लिए हैवान बन गया गुरुग्राम का हुडा प्रशासन ! 7

जी पी ए वाले मकान अब तक अधर में हैं इनकी संख्या 77 बताई जाती है. इनका मामला हाई कोर्ट में चल रहा है लेकिन शुक्रवार शाम को मकान खाली करने का नोटिस थमाया गया और शनिवार सुबह मकानों को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी.

 

फाइनल सेटलमेंट की अधिकतर शर्तों का पालन हुडा द्वारा नहीं किया गया. जीपीए वाले मकान मालिकों को अब तक न तो वैकल्पिक प्लाट दिए गए हैं और न ही उन इलाके में आधारभूत सुविधाओं का विकास किया गया. सभी मकानों के बिजली के मीटर भी आज उखाड़ ले गए.  

रहने का का कोई ठौर नहीं

एक दर्जन से अधिक मकान गिराए गए जिनके रहने का का कोई ठौर नहीं है. सभी देर रात तक अपने गिरे हुए मकानों के आगे बैठ कर अपने सामान की सुरक्षा करते देखे गये. इनके पास न तो भोजन बनाने की वयवस्था थी और न ही पीने का पानी. कई परिवारों के छोटे बच्चे भूख से बिलख रहे थे जबकि बुजुर्गों ने 45 डिग्री से अधिक तेज तापमान में गिरे हुए मकानों की दीवारों की छाया में दिन बिताया. इनमें से कुछ परिवारों के बच्चे तो स्कूल व काले जाने को तैयार हो रहे थे जबकी कुछ वयस्क अपने काम पर जाने को तैयार हो रहे थे लेकिन आज उनकी किस्मत वक्र हो गयी थी क्योंकि गुरुग्राम डीटीपी एन्फोर्समेंट के दस्ते ने उनके दरवाजे पर ऐसी दस्तक दी कि उनका सब कुछ देखते ही देखते ध्वस्त हो गया. उनके सपनों का जिसे उन्होंने डेढ़ से दो वर्षों में कड़ी मेहनत से तैयार किया था वह डेढ़ से दो घंटे के अन्दर धराशायी हो गया.

अपने देश में विदेशी 

उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे आज अपने ही देश में वे किसी निःसहाय विदेशी की तरह हैं जिनकी कोई सुनने वाला नहीं है. उनकी आँखों के आगे अँधेरा छा गया. न्यू पालम विहार में जिन मकानों को गिराया गया उनमें से अधिकतर लोग हिमाचल, जम्मू कश्मीर, विहार और उत्तराखंड के रहने वाले हैं.

आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस नहीं

आश्चर्यजनक रूप से इतनी बड़ी कार्रवाई के दौरान महिलाओं पर लाठियां बरसाने वाली पुलिस तो थी लेकिन आकस्मिक स्थिति के लिए एम्बुलेंस नहीं थी. प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि पुलिस टीम से झड़प में कई लोग घायल हो गए कुछ की हालत गंभीर हो गयी लेकिन उन्हें अस्पताल पहुँचाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं थी.   

 हाई कोर्ट ने 29 मई तक के लिए रोक लगा दी

खबर है कि न्यू पालम विहार के कुछ मकान आज पीले पंजे की जद में आने से इसलिए बच गये कि इन्होने आज फिर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने इस इलाके में तोड़फोड़ पर अगामी 29 मई तक के लिए रोक लगा दी. चंडीगढ़ से पीड़ित पक्ष के वकीलों ने जब हाई कोर्ट के स्टे आर्डर की कापी व्हाट्स एप पर भेजी और प्रशासन को दिखाया गया तब जाकर कार्रवाई रूकी .

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